करांची। सोशल मीडिया कैंपेन मीटू के जरिये दुनिया की करोड़ों महिलाओं ने इस उम्मीद के साथ उनके साथ हुए यौन दुर्वयवहार को साझा किया कि अब किसी और को इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन सोशल मीडिया वायरल हो रहे कई पोस्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान में इसका असर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में जीव विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान सदत बशीर नाम के परीक्षक ने कई छात्राओं के साथ यौन दुर्व्यवहार किया। एक छात्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि परीक्षक ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और नंबर भी काटने की धमकी दी। वहीं दूसरी छात्रा ने कहा कि वह और उसके दोस्त बहुत डरे हुए थे। उन्होंने इसके बार में स्टॉफ को बताया लेकिन उन्होंने रिजल्ट के डर से चुप रहने की हिदायत दी।
इसके बाद छात्राओं की शिकायत पर परीक्षा विभाग ने आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यह मामला पाकिस्तान के एक नामी स्कूल का है। इसके खुलासा के बाद पाकिस्तान में सोशल मीडिया यूजर्स छात्राओं के समर्थन में उतर आए हैं। लोग मीटू और टाइमअप कैंपेन चला रहे हैं। बशीर को सरकारी परीक्षा बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए भेजा था। बशीर के खिलाफ जांच के लिए 20,000 से ज्यादा लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। बशीर ने इन आरोपों को निराधार बताया। उसने कहा कि उस पर ये आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि उसने परीक्षा के दौरान कड़ाई की थी और नंबर बढ़ाकर नहीं दिए।