जेनेवा। अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच होने वाली शिखरवार्ता के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच खबर मिली है कि दोनों नेता सिंगापुर की शंगरी-ला या मरीना बे सेंड में हो सकती है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि दोनों ही जगहों पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं और यहां पर अधिकारियों का आना-जाना लगातार बना हुआ है।
हालांकि दोनों की मुलाकात को लेकर जगह सुनिश्चित करने का अभी खुलासा नहीं हुआ है। दोनों ही होटलों में कुछ कमरों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस तरफ किसी के आने की इजाजत नहीं दी गई है। इतना ही नहीं इन कमरों पर सुरक्षाकर्मियों की पूरी निगाह है। वहीं वार्ता से जुड़ी खबरों को कवर करने वाले पत्रकारों का भी रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस वार्ता के लिए अमेरिका और उत्तर कोरिया समेत दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार काम कर रहे हैं। होटल के चारों तरफ सादी वर्दी में भी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा दोनों देशों के दूतावासों के अधिकारियों की भी यहां पर आवाजाही लगातार हो रही है। इन सभी के बावजूद इन दोनों होटलों को लेकर अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है।
दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता 12 जून को सिंगापुर में होनी है और इसको लेकर दूसरे स्तरों पर भी तैयारी का दौर जारी है। इस वार्ता से पहले दक्षिण कोरिया में अमेरिका के राजदूत उत्तर कोरिया पहुंचे हैं। वह परमाणु हथियार विशेषज्ञ भी हैं। वह यहां पर दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए आए हैं। इसके अलावा उत्तर कोरिया का एक दल री सोन ग्वान के नेतृत्व में सिंगापुर जाने से पहले बीजिंग पहुंचा है। ग्वान किम-ट्रंप के बीच होने वाली बातचीत की पूरी तैयारियों को देख रहे हैं।
यह दल सिंगापुर में सुरक्षा विषय पर वार्ता के लिए वहां गया है। इसके बाद यह दल सिंगापुर रवाना हो जाएगा। इस बीच अमेरिका का एक दल भी सिंगापुर के लिए रवाना हो चुका है। यह दल डिप्टी चीफ आॅफ स्टाफ फॉर आॅपरेशन जॉ हेगिन के नेतृत्व में सिंगापुर गया है।
सकारात्मक हल निकलने की उम्मीद
बता दें कि इस वार्ता पर पूरी दुनिया की निगाह लगी है दुनियाभर के देश चाहते हैं कि इसका सकारात्मक हल निकले। उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति मून ने किम के साथ हुई हालिया बैठकों पर जानकारी देते हुए कहा है कि बिना हिचकिचाहट खास मुद्दों पर कभी भी बैठकर आपसी बातचीत करना ज्यादा बेहतर होता है। इससे एक सकारात्मक माहौल भी बनता है। वहीं उत्तर कोरिया ने ट्रंप से होने वाली बैठक को लेकर परमाणु हथियारों से अलग होने के एवज में अपनी सुरक्षा की मांग की है। चीन ने भी उत्तर कोरिया और अमेरिका से अपील की है कि यह बातचीत दोस्ताना माहोल में हो और दोनों ही नेता पूरी तरह से संयम का परिचय दें जिससे शांति की राह बंद न हो सके।