वाशिंगटन। अमेरिका ने सीरिया को चेतावनी दी कि युद्ध विराम उल्लंघन की स्थिति में उसके खिलाफ 'सख्त और माकूल कदम' उठाये जाएंगे और कहा कि वह युद्ध विराम वाले दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में सैन्य अभियान जारी रहने की रिपोर्ट मिलने से चिंतित है। अमेरिका ने युद्ध का दायरा बढ़ाने के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को भी चेतावनी दी।
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नौअर्ट के एक बयान में कहा था कि अमेरिका ने रूस और जॉर्डन के साथ इस क्षेत्र में हिंसा नहीं बढ़ाने की गारंटी ली है और इसी वजह से वह असद हुकूमत द्वारा किये गये युद्ध विराम उल्लंघनों के खिलाफ कड़े और उचित कदम उठाएगा। युद्ध पर निगरानी रखने वाले ब्रिटेन आधारित मानवाधिकार संगठन 'सीरियन आब्जर्वटेरी फॉर 'ह्यूमन राइट्स' ने बुधवार को रिपोर्ट दी थी कि सीरिया सरकार के सैनिक इस सप्ताह दक्षिण दमिश्क में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से जीते गये इलाके से दक्षिणी प्रांत डेरा की ओर बढ़ रहे हैं।
सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि सरकारी लड़ाकू विमानों से डेरा में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में चेतावनी लिखे पर्चे गिराये गये, जिसमें लड़ाकों से हथियार डालने को कहा गया है। अमेरिका की ये चेतावनी उसके द्वारा समर्थित सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज के कब्जे वाले उत्तर-पूर्वी सीरिया के युद्ध विराम वाले इलाके पर इसी तरह के हमले के कई सप्ताह बाद आयी है।
इस बीच, अमेरिकी सुरक्षा बल और लड़ाकू विमानों ने चार घंटे से ज्यादा समय तक हमले जारी रखे। आशंका है कि इसमें 300 से ज्यादा असद समर्थक लड़ाके मारे गये, जिनमें अधिकांश रूसी सैनिक हैं। ईरानी सुरक्षा बल और लेबनान के हिजबुल्ला सहित उसके सहयोगी लड़ाकों ने रूसी लड़ाकू विमानों की मदद से सीरिया के बड़े शहरों में असद समर्थक विद्रोहियों को समर्थन दे रखा है। इससे असद की सैन्य स्थिति काफी मजबूत हुई है। इन्होंने हाल के सप्ताहों के दौरान दमिश्क के नजदीक विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों पर फिर से अधिकार कर लिया है। इनमें बेहद घनी आबादी वाला पूर्वी घौता क्षेत्र और मध्य सीरिया के बड़े इलाके शामिल हैं। सीरियाई सरकार की स्थिति 2011 की शुरुआत के कुछ महीनों की तुलना में काफी मजबूत हुई है, हालांकि समूचे सीरिया पर फिर से कब्जा कर पाना आसान नहीं है।