ढाका। बॉलीवुड अभिनेत्री और यूनीसेफ की सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा रोहिंग्या मुस्लिमों के बच्चों को लेकर दुनिया के तमाम देशों से भावुक अपील करते हुए कहा कि शरणार्थी रोहिंग्या बच्चे दुनिया की जिम्मेदारी हैं और हर बच्चे को बेहतर भविष्य व मानवता को अपना योगदान देने का हक है।
चोपड़ा ने बंगलादेश के कोक्स बाजार में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर के चार दिवसीय दौरे के बाद राजधानी ढाका में संवाददाता से बात करते हुए कहा, 'हर बच्चे को बेहतर भविष्य व मानवता को अपना योगदान देने का हक है।' रोहिंग्या शरणार्थियों पर पड़ी मानसून की मार का इशारा करते हुए प्रियंका चोपड़ा ने कहा, 'बहुत कुछ किया जाना बाकी है। रोहिंग्या बच्चे दुनिया की जिम्मेदारी हैं। उनके पास कहीं ओर जाने का विकल्प नहीं है। उनके पास ऐसा कुछ भी नहीं हैं जिसे वह अपना कह सकें।' पीसी ने चेतावनी दी कि बच्चों की एक पीढ़ी शिक्षा के बिना हिंसा का आसान निशाना बनी हुई है। उन्होंने सवाल किया, 'क्या हमें अभी और नफरत फैलानी है? अगर हमारे बच्चों के साथ ऐसा होगा तो क्या होगा? वैश्विक नागरिक होने के नाते ये बच्चे पूरे दुनिया की जिम्मेदारी है। जिन बच्चों के लिए मैं काम करती हूूं वह मेरे बच्चे हैं।'
---चर्चा में सात साल के बच्चे की बनाई तस्वीर
प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि एक सात वर्षीय बच्चे ने चित्र बनाया जिसमें एक फुटबॉल के मैदान पर बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं और ऊपर से हेलीकॉप्टर गोलियां बरसा रहे हैं। उनके घरों पर रॉकेट लॉन्चर से मिसाइल दागी जा रही हैं, अगस्त-सितंबर के महीने में सीमा पार करते समय रोहिंग्या के शरीर के हिस्से काटे जाते हैं। उन्होंने कहा, 'इन बच्चों की उम्र महज पांच-छह वर्ष है। इनके पास बस यही यादें शेष हैं। ये केवल इतना ही जानते हैं।' शरणार्थी शिविरों में यूनीसेफ के किये गये काम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, 'छह महीने के बाद उनके बनाये गये चित्रों में बंगलादेश, सूर्योदय, हरियाली, शिक्षक और छतें शामिल थीं। केवल छह महीने में आये इस परिवर्तन का कारण उनके प्रति किया गया मानवीय व्यवहार था।' पीसी ने रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति सहानुभूति दिखाने और अपनी सीमाएं खोलने के लिए बंगलादेश सरकार की प्रशंसा की। इससे पहले उन्होंने बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की और शरणार्थी शिविरों में बच्चों की स्थिति पर चर्चा की।
सोशल मीडिया पर भी प्रियंका चोपड़ा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रोहिंग्या बच्चों की मदद के लिए आगे आने अपील की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रोहिंग्या बच्चों की स्थिति में सुधार, भोजन, सुरक्षित पानी, आवास, समुचित सफाई और शिक्षा के मूलभूत अधिकारों को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए।