न्यूयॉर्क। चीन में अपनी भाषा के संरक्षण और इसके नष्ट होने के लिए चिंतित होकर समाचार पत्र के माध्यम से अपनी बात कहने वाले एक तिब्बती कार्यकर्ता को चीन की एक अदालत ने पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई है। उस पर अलगाववाद को भड़काने का आरोप है। बीबीसी न्यूज रिपोर्ट में बताया गया कि तिब्ब्ती कार्यकर्ता ताशी वांगचुक को एक समाचार पत्र के वीडियो में अपने भाषा के बारे में बात करने के बाद 2016 में चीनी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
वांगचुक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि चीन में तिब्बती संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है। उसने अदालत में सुनवाई के दौरान खुद को निर्दोष बताया है और उसे 2021 में जेल से रिहा किया जाएगा।
वांगचुक के वकील लियांग शियोजुन ने बताया कि उसके मुवक्किल ने कोई गंभीर अपराध नहीं किया है और वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगें। उनका कहना है कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करते है। इस बीच एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस फैसले को बेहद ही बेतुका करार दिया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की पूर्वी एशिया के शोध निदेशक जोशुआ रोजेनविग ने इस फैसले को एकदम अन्यायपूर्ण करार देते कहा कि उसे बहुत की क्रूर तरीके से दंडित किया जा रहा है चीन सरकार का कहना है कि उसके शासन में तिब्बत में काफी विकास हुआ है लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।