डबलिन। कैथोलिक बहुल देश में गर्भपातरोधी कानून को बनाए रखने के समर्थक और विरोधी कार्यकर्ता सोशल साइट और प्रदर्शनों के जरिए लोगों को अपने पक्ष में करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते आयरलैंड में गर्भपात के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है और 25 मई को इस पर जनमत संग्रह होगा। वर्ष 1983 में हुए जनमत संग्रह में 67 फीसद लोगों ने गर्भपात पर रोक लगाने के लिए संविधान में आठवें संशोधन का समर्थन किया था।
इसके जरिए दुष्कर्म के दौरान गर्भ ठहरने या गर्भ में बच्चे को कोई विकृति होने पर भी गर्भपात पर रोक लगा दी गई थी। इसमें अवैध गर्भपात कराने वाले या को 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन 2012 में भारतीय महिला सविता हलप्पनवार की समय पर गर्भपात न कराने से हुई मौत ने कानून में बदलाव की बहस को तेज कर दिया।