बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वुहान में अनौपचारिक बैठक करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इसी तरह की बैठक करने जा रहे हैं। यह बैठक रूस के शहर सोची में 21 मई को होगी। माना जा रहा है कि मोदी-चिनफिंग बैठक की तरफ ही यह मुलाकात भी द्विपक्षीय रिश्तों में नई सोच भरने वाला साबित होगा। पुतिन के साथ पहली बार अनौपचारिक मुलाकात का ऐलान कर भारत संभवत: यह संदेश भी देना चाहता है कि उसकी विदेश नीति किसी भी दूसरे देश की नीतियों से प्रभावित नहीं होती।
मोदी और पुतिन की यह बैठक सिर्फ इन दोनों देशों के रिश्तों को देखते हुए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हाल के महीनों में जिस तरह से वैश्विक स्तर पर बदलाव शुरू हुए हैं उसे देखते हुए भी इसकी अहमियत बढ़ जाती है। हाल ही में रूस और अमेरिका के बीच नए सिरे से तल्खी बढ़नी शुरू हुई है। अमेरिका की तरफ से रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की शुरूआत हो चुकी है। अमेरिका ने हाल ही में ईरान के साथ परमाणु करार तोड़ा है और रूस ईरान का पक्षधर है।
मोदी और पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात में अमेरिका के इन दोनों कदमों से उपजी स्थिति पर विस्तार से चर्चा होने के आसार है। भारत अभी भी अपनी रक्षा जरुरत का 63 फीसद रूस से खरीदता है। साथ ही रूस से एस400 मिसाइल खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है जिस पर अमेरिकी प्रतिबंध से असर पड़ सकता है। मोदी और पुतिन की अगले महीने के मध्य में चीन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (सीएसओ) की शीर्ष बैठक में भी मुलाकात होगी।