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यरुशलम में अमेरिकी दूतावास को लेकर बवाल, 37 लोगों की मौत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 15 2018 10:14AM | Updated Date: May 15 2018 10:17AM
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गाजा सीमा। यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन से भड़के फिलिस्तीन के नागरिकों ने सोमवार को गाजा सीमा पर उग्र विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें सीमा से खदेड़ने के लिए इजरायल की सेना ने गोलीबारी की। इसमें 37 फिलिस्तीनी मारे गए। घायलों की संख्या 900 बताई जा रही है। दूतावास स्थानांतरण पर फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री रामी हमदल्लाह ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
 
चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार घायलों में करीब 450 लोगों को गोली लगी है। इजरायल की सेना का कहना है कि सीमा पर करीब 35 हजार फिलिस्तीनी जमा हो गए थे। उनमें से कुछ ने बाड़ को पार कर इजरायल सीमा में घुसने की कोशिश की। प्रदर्शन में शमिल विज्ञान के शिक्षक अली ने कहा आज हमारे लिए बड़ा दिन है। हम बाड़ को पार कर इजरायल और दुनिया को यह बताएंगे कि हम हमेशा के लिए कब्जे में रखा जाना स्वीकार नहीं करेंगे। इसमें आज कई शहीद होंगे, लेकिन दुनिया हमारे संदेश को सुनेगी। कब्जे को समाप्त किया जाना चाहिए।
 
गौरतलब है 1967 में हुए युद्ध में इजरायल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था, लेकिन इजरायल ने इस शहर को लेकर यथास्थिति बनाए रखी थी। फिलिस्तीनी इस शहर को अपनी भावी राजधानी के तौर पर देखते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस मुद्दे पर अमेरिका के रुख में बदलाव आ गया। ट्रंप ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव में स्थित अमेरिकी दूतावास को यरुशलम ले जाने का ऐलान कर दिया था, जिससे फिलिस्तीनियों का गुस्सा भड़क उठा।
 
इजरायल के लिए बड़ा दिन: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के मुताबिक सोमवार को यरुशलम में दूतावास का उद्घाटन कर दिया गया। इस उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए ट्रंप की बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर भी पहुंचे हैं। दूतावास के उद्घाटन पर ट्रंप ने ट्वीट किया इजरायल के लिए यह बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने गाजा सीमा पर हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया।
 
अरब देशों ने की आलोचना
अरब देशों ने अमेरिकी दूतावास को यरुशलम में स्थानांतरित किए जाने पर अफसोस व्यक्त किया। उन्होंने अमेरिका के इस कदम की कड़े शब्दों में आलोचना की है। फिलिस्तीन ने अरब लीग से इस मसले पर आपात बैठने बुलाने की मांग की है।
 
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