जनकपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के विकास के लिए परंपरा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और परिवहन के पांच 'टी' के फॉर्मूले पर भारत की सहायता का आज विश्वास दिलाया तथा जनकपुर एवं आसपास के क्षेत्र में तीर्थाटन सुविधाओं के विकास के लिए सौ करोड़ रुपये देने की आज घोषणा की। मोदी ने नेपाल की दो दिन की यात्रा की शुरुआत में जनकपुर में एक नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दशकों से नेपाल का एक स्थायी विकास साझेदार है। नेपाल हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति में सबसे पहले आता है।
इतिहास साक्षी रहा है, जब-जब एक-दूसरे पर संकट आए, भारत और नेपाल दोनों मिलकर खड़े हुए हैं। हमने हर मुश्किल घड़ी में एक दूसरे का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि हम दोनों देश हाइवे, आईवे, ट्रांसवे, रेलवे, इनलैंड वाटरवेज, कस्टम चेकपोस्ट और हवाई सेवा से जुडेंगे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस यात्रा के दौरान होने वाले समझौतों से समृद्ध नेपाल और खुशहाल भारत के संकल्प को साकार करने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारत नेपाल के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रहा है। जल, थल एवं नभ, आपस में जुड़ जाएं और जनता के बीच संबंध फलें फूलें, यही कामना है। उन्होंने कहा कि जयनगर जनकपुर रेलवे लाइन का काम इसी साल पूरा हो जाने की आशा है। जलमार्ग से जुड़कर नेपाल पूरी दुनिया से जुड़ जाएगा और इससे नेपाल के उद्योगों को लाभ होगा। कारोबार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने गत माह कृषि क्षेत्र में नयी साझीदारी की घोषणा का भी उल्लेख किया और कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रयोग से इसे आगे बढ़ाया जाएगा।