क्वालालंपुर। मलेशिया के आम चुनाव के बुधवार को आए नतीजों के मुताबिक 92 वर्षीय दिग्गज नेता महातिर मोहम्मद के नेतृत्व वाले गठबंधन को जीत मिली है। मलेशियाई चुनाव में जीत के बाद अब महातिर 92 साल की उम्र में दोबारा प्रधानमंत्री पद संभालेंगे। इसके साथ ही वह दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री बन जाएंगे। रोचक बात यह कि उन्हें यह मुकाम दिलाने में देश के युवाओं ने अहम भूमिका निभाई। वह शुक्रवार को शपथ लेंगे। इसके साथ ही छह दशक पुराने नेशनल फं्रट का शासन समाप्त हो गया है।
नतीजों के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए महातिर ने चुनाव हारने वाले प्रधानमंत्री नजीब रजाक और नेशनल फ्रंट गंठबंधन पर देश को बेहद खराब स्थिति में पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा हमें बिना किसी देरी के इस नई सरकार की जरूरत है। बहुत सारा काम किया जाना है। आप देश की गड़बड़ियों को जानते हैं और हमें जल्द इन्हें ठीक करना है। गौरतलब है महातिर के गठबंधन को 222 सदस्यीय संसद में 112 सीटों पर जीत दर्ज की, जो सामान्य बहुमत है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन 76 सीटों पर सिमट गई है।
देश की परंपरानुसार महातिर को सुल्तान मुहम्मद पंचम के सामने शपथ लेना है। पहले खबर थी कि वह गुरुवार को ही प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन चुनाव में जीत की सूचना औपचारिक रूप से चुनाव आयोग से शाही महल तक पहुंचने में देरी की वजह से इसे टाल दिया गया।
नजीब ने मानी हार
चुनाव नतीजों के बाद जनता को संबोधित करते हुए निवर्तमान प्रधानमंत्री 64 वर्षीय नजीब ने कहा वह जनादेश को स्वीकार करते हैं। नेशनल फ्रंट संसद में लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान करेगा। उनकी छवि भ्रष्टाचार और घोटाले के कारण धूमिल हुई है। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक नजीब के नेतृत्व वाले संगठनों ने 4.9 अरब डॉलर का गबन किया है।
महातिर की जीत से चीन को झटका
मलेशियाई चुनाव में महातिर मोहम्मद की जीत को चीन के लिए झटका माना जा रहा है। चुनाव नतीजे आने से पहले ही महातिर कह चुके हैं कि सत्ता में आने पर वह चीनी निवेश की समीक्षा करेंगे। उन्होंने 9 अप्रैल को एक बयान में कहा था चीनी कंपनियों का मलेशिया में स्वागत है, बशर्ते वे स्थानीय स्तर पर उत्पादन करें और यहां के लोगों को नौकरियां दें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। महातिर ने चीनी कंपनी के जोहर स्टेट में भवन निर्माण की परियोजना पर कहा था कि हम मलेशियाई हैं और हम उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। देश का बड़ा हिस्सा चीनी निवेश को पसंद नहीं करता।