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बेनजीर भुट्टो की हत्या में पांच आतंकियों को मिली जमानत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 9 2018 11:13AM | Updated Date: May 9 2018 11:13AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक हाई कोर्ट ने अल कायदा और तालिबान के उन पांच संदिग्धों को मंगलवार को जमानत दे दी, जिन्हें 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान में 1990 के दशक में दो बार प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर की रावलपिंडी में 2007 में गोली मारकर और बम धमाका कर हत्या कर दी गई थी। इससे थोड़ी ही देर पहले उन्होंने एक राजनीतिक रैली को संबोधित किया था। उनकी हत्या के बाद देश राजनीतिक अस्थिरता तथा हिंसा की चपेट में आ गया था। पूर्व सैनिक शा सक परवेज मुशर्रफ की सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख बैतुल्ला महसूद को इस हमले के लिए जिम्मेदार करार दिया था।
 
महसूद ने हालांकि बाद में इन आरोपों से इनकार कर दिया था। बाद में पुलिस ने बेनजीर की हत्या में उनकी कथित भूमिका के आरोप में अब्दुल रशीद, ऐतजाज शाह, रफाकत हुसैन, हुसैन गुल और शेर जमां को गिरफ्तार किया और दावा किया कि ये तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सक्रिय सदस्य हैं।
 
रावलपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत ने 31 अगस्त 2017 के फैसले में पांचों को बरी कर दिया, लेकिन आतंकवादियों के साथ कथित संपर्क के कारण उन्हें रिहा नहीं किया गया। डॉन अखबार की खबरों में कहा गया है कि दो जजों मिर्जा वकास और सरदार सरफराज की अगुआई वाली लाहौर हाई कोर्ट की रावलपिंडी पीठ ने कल पांचों संदिग्धों को पांच-पांच लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी।
 
इसके साथ ही पीठ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मामले की प्रत्येक सुनवाई में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब रिहा किया जाएगा, क्योंकि उन्हें रावलपिंडी के अदियाला जेल से लाहौर स्थित कोट लखपत जेल में गत वर्ष 28 नवंबर को ही स्थानांतरित किया जा चुका है। कारा विभाग के अधिकारी के हवाले से खबर में कहा गया है कि रिहाई आदेश संभवत : आज या कल मिलने के आसार हैं। हालांकि प्रांतीय सरकार उनकी हिरासत अवधि बढा सकती है, क्योंकि पंजाब सरकार के पास ऐसा करने का कानूनी अधिकार है।
 
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