तेल अवीव। ईरान में बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने सीरिया को धमकी दी है। इजरायल के ऊर्जामंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर सीरिया ने ईरान को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने से नहीं रोका तो हम सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को खत्म कर देंगे। गौरतलब है इजरायल ईरान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। पिछले हफ्ते ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया था कि उनके पास ऐेसे दस्तावेज मौजूद हैं, जिनसे पता चलता है कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की तैयारी पूरी कर ली है।
इजरायल के ऊर्जामंत्री और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी युवल स्टेनित्ज ने कहा अगर असद ने सीरिया को ईरान का सैन्य बेस बनने से नहीं रोका और हमारे ऊपर हमले के लिए इस्तेमाल होने दिया तो उन्हें पता होना चाहिए कि उनका अंत नजदीक है। ये बिलकुल नामंजूर है कि असद चुपचाप अपने महल में बैठकर अपनी सत्ता दोबारा बनाएं और सीरिया को इजरायल पर हमले का जरिया बनने दें। अगर असद ईरान को अपने यहां से काम करने देते हैं तो हम उन्हें खत्म कर देंगे और उनकी सत्ता गिरा देंगे। एक अनुमान के मुताबिक सीरिया में ईरान के लगभग 70 हजार लड़ाके और एक लाख से ज्यादा मिसाइलें और रॉकेट मौजूद हैं।
इजरायल पर हमले की फिराक में ईरान
गौरतलब है गत 9 अप्रैल को को दो एफ-15 लड़ाकू विमान ने सीरिया स्थित ईरान के बेस पर हमला किया था। इसमें सात ईरानी सैन्य सलाहकार और ईरान के कुछ सैनिक मारे गए थे। रूस और ईरान दोनों ने ही इसके पीछे इजरायल का हाथ बताया था। हालांकि इजरायल ने आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया। इजरायल के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि ईरान उन हमलों का बदला लेने के लिए जल्द ही सीरिया की धरती से उस पर रॉकेट और मिसाइल दाग सकता है। माना जा रहा है कि ईरान इसकी पूरी तैयारी भी कर चुका है।
बचाव की तैयारी कर चुका इजरायल
इजरायल ने भी हमलों की आशंका से अपने बचाव की तैयारियां बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि इजरायल ने अपना एंटी-मिसाइल सिस्टम तैयार कर लिया है, ताकि किसी भी तरह के मिसाइल या रॉकेट हमले से खुद की रक्षा की जा सके। तैयारियों पर किए गए एक सवाल पर स्टेनित्ज ने कहा कि इजरायल की कोई तैयारी नहीं है। ज्ञात हो रविवार को ही नेतन्याहू ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान कहा था कि इजरायल खुद को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा था हम अपने खिलाफ किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए तैयार हैं। फिर चाहे सैन्य संघर्ष ही क्यों न हो जाए। बाद से अच्छा है कि ये अभी हो जाए। हम मामले को बढ़ाना नहीं चाहते, लेकिन हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं।
इजरायल-ईरान के बीच इसलिए बढ़ी तकरार
दरअसल, इसी साल की शुरुआत में इजरायल और ईरान की सेना पहली बार सीधे तौर पर उलझी थीं। इजरायल ने आरोप लगाया था कि ईरान ने उसकी सीमा पर जासूसी के लिए एक ड्रोन भेजा था, जिसे उसकी सेना ने मार गिराया। इसके बाद इजरायल ने सीरिया स्थित ईरान के ठिकानों पर छापे मारे थे। हालांकि इसी दौरान सीरियाई एयर डिफेंस ने इजरायल के एफ-16 फाइटर जेट को गिराया था, लेकिन पायलट की जान बच गई थी। माना जाता है कि 2006 के बाद ये पहला मौका था जब इजरायल का कोई जेट दुश्मन के हमले का शिकार बना हो। नेतन्याहू ने हमले को इजरायल की संप्रभुता पर हमला बताते हुए कहा था कि इजरायल अब खुद अपनी रक्षा करेगा।