लाहौर। पाकिस्तान के गृहमंत्री एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता एहसान इकबाल अब खतरे से बाहर हैं। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।
पाकिस्तान के उप गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा, "इकबाल सौभाग्य से बच गये हैं। अल्लाह का शुक्रिया, वह अब खतरे से बाहर हैं।" पुलिस ने कहा है कि इकबाल को दायें हाथ में गोली लगी थी। पुलिस ने संदिग्ध हमलावर को पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर लिया था। संदिग्ध हमलावर का नाम अबिद हुसैन (21) है। नरोवाल के पुलिस प्रमुख इमरान ने बताया, "मैं सुरक्षा कारणों से इस समय आपको हमले के उद्देश्य की जानकारी नहीं दे सकता।"
नरोवाल जिले के उपायुक्त की शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि हमलावर का संबंध तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी से है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पार्टी पाकिस्तान के 'अल्लाह की निंदा' कानून को मजबूती से लागू करना चाहती है जिसमें मौत की सजा का प्रावधान है। रिपोर्ट में हालांकि हमले की वजह साफ नहीं हो पायी है।
'अल्लाह की निंदा' पाकिस्तान में काफी गंभीर विषय है और पिछले साल तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के उद्भव के बाद से यह और भी पेचिदा बन गया है। पीएमएल-एन के कई समर्थक मानते हैं कि पार्टी 'ईशनिंदा' कानून को लचीला बनाना चाहती है। इससे संबंधित कई मामलों में पिछले दशकों में किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गयी है।
---तहरीक-ए-लब्बैक ने की हमले की निंदा
तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी ने हालांकि रविवार रात एक बयान जारी किया था जिसमें पार्टी के नेता हुसैन रिजवी ने इकबाल पर हमले की निंदा की और कहा पार्टी अपने किसी भी समर्थक को न तो हथियार उठाने की स्वीकृति देती है और न ही इसका समर्थन करती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने भी इकबाल पर हमले की निंदा की है और इसकी तुरंत पुलिस जांच के आदेश दिये हैं।
इकबाल पर कल पंजाब प्रांत में एक रैली के दौरान जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले को उस समय अंजाम दिया गया जब वह नरोवाल जिले की कंजरूर तहसील में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे। हमले के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से लाहौर के अस्पताल ले जाया गया।
पाकिस्तान में चुनाव से पहले हिंसा कई दशकों से चली आ रही है। पाकिस्तान में चुनाव से पहले राजनेताओं की हत्या और उन पर हमले आम है। इसी तरह एक हमले में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनेजिर भुट्टो की 2007 में मौत हो गयी थी।