वांशिगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रों ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर लगाम लगाने के लिए उसके खिलाफ कल नए कठोर कदमों के बारे में चर्चा की। अमेरिका ने ईरान के बारे में 2015 में हुए परमाणु समझौते से भी पीछे हटने की धमकी दी है और कहा है कि अगर वह अपने परमाणु कार्यक्रम से नहीं हटता है तो उसे कड़ा अंजाम भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने मेक्रों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में ईरान के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते हुए उसके और विश्व की अन्य महाशक्तियों के बीच हुए 2015 के समझौते के बारे में भी चर्चा की और ईरानी परमाणु कार्यक्रम को खतरनाक और उन्मादी करार दिया है।
उन्होंने इस समझौत की अंतिम समय सीमा 12 मई की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह समझौता एक बहुत ही बुरा सौदा थी जो अब अपने अंतिम चरण में है। मेक्रों ने ट्रंप से नए समझौते के बारे में भी बातचीत की जिसमें उसके परमाणु कार्यक्रम से इतर गतिविधियों पर रोक लगाने के बारे में विचार किया जा सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर है।
इस नए समझौते के अनुसार अमेरिका और यूरोप मिलकर ईरानी परमाणु गतिविधियों पर 2025 तक रोक लगा सकते हैं और यमन,सीरिया, इराक तथा लेबनान में उसकी भूमिका के बारे में राजनीतिक शर्तें लगाई जा सकती हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि 2015 के समझौते का क्या होगा और जिन देशों खासकर चीन तथा रूस ने उस पर हस्ताक्षर किए थे क्या वे नए समझौतें के बारे में राजी होंगें।