पेशावर। इन दिनों एक युवक ने पाकिस्तान सरकार की नाक में दम कर रखा है। सरकार 25 साल के मंजूर पश्तीन नामक इस युवक और उससे जुड़े विरोध प्रदर्शनों से परेशान है। मंजूर पश्तीन पश्तून ताहफुज मूवमेंट (पश्तून रक्षा आंदोलन) का नेतृत्व कर रहा है। आंदोलनकारियों की मांग है कि दस साल में चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई में जो लोग गायब हुए हैं उन्हें सामने लाकर कोर्ट में पेश किया जाए।
ये आंदोलन पाकिस्तान सरकार के तमाम अवरोधों के बावजूद लगातार बढ़ रहा है और हजारों लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कराची में एक कबायली युवक के एनकाउंटर के बाद ये आंदोलन शुरू हुआ। पहले एनकाउंटर करने वाले पुलिस अफसर की गिरफ्तारी की मांग की गई, लेकिन बाद में आंदोलन बढ़ता चला गया। खैबर पख्तूनख्वां और वजीरिस्तान में इस मांग को लेकर काफी प्रदर्शन हो रहे हैं।
और मंजूर पश्तीन को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं। मंजूर का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना चरमपंथ को बढ़ावा दे रही है। इस आंदोलन में अफगानिस्तान की सीमा पर लगे कबायली इलाकों में काले कानून को भी खत्म करने की मांग की जा रही है। साथ ही जिन लोगों के घर सैनिक कार्रवाई में तबाह हुए, उनके लिए मुआवजा भी देने की मांग हो रही है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने आंदोलन पर मीडिया को रिपोर्टिंग नहीं करने की हिदायत दी है।