पेरिस। सीरिया के डुमा शहर में रासायनिक हथियारों के हमले के बाद अमेरिका के नेतृत्व में शुक्रवार रात सौ से ज्यादा मिसाइलें दागी गर्इं।े इस हमले में अमेरिका के साथ फ्रांस और ब्रिटेन भी शामिल थे। फ्रांस का दावा है कि रातभर किए गए मिसाइल हमले में सीरिया का रासायनिक हथियारों का बड़ा जखीरा तबाह हो गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हवाई हमलों की घोषणा करने के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर शुक्रवार रात लगातार हमले किए। इसमें तीनों देशों द्वारा कई अत्याधुनिक हथियारों जैसे ई-1 बॉम्बर्स, टोरनैडो जेट्स के साथ युद्धपोत का भी इस्तेमाल किया गया। फ्रांस के विदेश मंत्री जां इव ली दारियां के मुताबिक फ्रांस के पास खुफिया जानकारी है कि डुमा में पिछले सप्ताहांत हुए रासायनिक हमले में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का हाथ था, जिसमें 40 लोगों की मौत हुई थी।
रूस और ईरान ने की कड़ी निंदा
सीरिया पर हुई इस संयुक्त कार्रवाई से रूस और ईरान बुरी तरह तिलमिला गए हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे आक्रामक कार्रवाई करार देते हुए कहा है कि इससे सीरिया में मानवीय संकट बढ़ जाएगा। उधर, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई ने कहा है कि सीरिया पर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से किया गया हमला एक अपराध था और इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। खमनेई ने ट्वीट कर कहा उन्हें इस हमले से कोई फायदा नहीं होगा, जैसा पिछले कई वर्षों में इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में नहीं हुआ। खमनेई ने अमेरिका व फ्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अपराधी करार दिया है।
सीरिया ने लांघी लक्ष्मणरेखा
इससे पहले हमले के तुरंत बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बयान जारी करते हुए कहा था फ्रांस ने मई 2017 में जो लक्ष्मणरेखा खींची थी, सीरिया उसे लांघ गया। उन्होंने कहा मैंने फ्रांसीसी सेना को अमेरिका और ब्रिटेन के साथ गठबंधन में चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय अभियान में शामिल होने का निर्देश दिया है, जिसके निशाने पर सीरियाई सरकार के गोपनीय रासायनिक हथियार हैं।