इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आजीवन चुनाव लड़ने से बेदखल कर दिया है। इसके साथ ही देश की राजनीति से उनका चैप्टर पूरी तरह बंद हो गया है। भारत के संदर्भ में यदि देखें तो नवाज पहले भी शरीफ नहीं थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने अब उन्हें बेचारा भी बना दिया है।
इसकी वजह है कि कश्मीर पर उनका रुख पूरी दुनिया ने साफ तौर पर देखा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को नवाज की बेटी मरियम ने एक सोचा समझा षड्यंत्र बताया और कहा कि यह न्यायपालिका को लेकर मजाक है। उन्होंने फैसले के बाद यहां तक कहा कि यह अलीबाबा और चालीस चोर की कहानी जैसा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 62 (1)(फ) के अंतर्गत नवाज को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया है। मरियम ने फैसला आने के बाद यह भी कहा है कि इस तरह का मजाक पहले भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश के दूसरे प्रधानमंत्रियों के खिलाफ किया जा चुका है। गौरतलब है पिछले वर्ष 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित किया था।
फैसले पर भड़की बेटी मरियम
फैसले से गुस्साई मरियम यह कहने से भी नहीं चूकी कि यह ठीक वैसा ही फैसला है, जिसके तहत जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दी गई और बेनजीर भुट्टो की हत्या हुई। नवाज के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले ये सोचते हैं कि देश की राजनीति में इस फैसले के बाद नवाज का कॅरियर खत्म हो गया है। हालांकि फैसले को लेकर भड़की मरियम नवाज ने यह जरूर कहा कि वह और नवाज की पार्टी देश की सबसे बड़ी कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं। सुप्रीम कोर्ट की मार झेलने वाले अकेले नवाज ही नहीं हैं, इससे पहले सैयद यूसुफ रजा गिलानी को भी कोर्ट ने अयोग्य करार दिया था।
पनामाकांड में नवाज का नाम सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिछले वर्ष अयोग्य करार दिया था। इसके बाद फरवरी में कोर्ट ने उन्हें पार्टी के प्रमुख पद से भी हटा दिया था। अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज ने लाहौर की सीट से अपनी पत्नी कुलसुम नवाज को मैदान में उतारा था, लेकिन वह अपनी बीमारी के चलते जीतने के बावजूद एक दिन भी संसद नहीं जा सकी थीं। उनका अब भी लंदन में इलाज चल रहा है।
देश में इसी वर्ष होना हैं आम चुनाव
खास बात यह है कि पाकिस्तान में इसी वर्ष आम चुनाव होना हैं। इससे पहले नवाज के पॉलिटिकल कॅरियर पर लगा ग्रहण देश की उथल-पुथल होती राजनीति को किस ओर ले जाएगा, फिलहाल कहना मुश्किल है। ऐसे में अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आगामी चुनाव से पहले आखिर नवाज किसे अपनी राजनीति की वसीयत सौंपेंगे।
बेटी-भाई हो सकते हैं विकल्प
नवाज के अलावा दो नामों पर विचार मुमकिन है। पहला मरियम और दूसरा नवाज के भाई शाहबाज। हालांकि शाहबाज पंजाब के सीएम हैं और पिछले वर्ष नवाज को अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके नाम का जोर-शोर से प्रचार हुआ था। माना जा रहा था कि वह नवाज की जगह लेकर पंजाब को अपने बेटे के हवाले कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि जब लाहौर की सीट से उम्मीदवार खड़ा करने की बात आई तो दूर-दूर तक शाहबाज का नाम नहीं था और उस जगह से कुलसुम को चुनाव लड़ाया गया।