ढाका। बांग्लादेश में कड़े विरोध प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में देशभर में लंबे समय से प्रदर्शन हो रहे थे। इस दौरान कई जगह तो प्रदर्शन ने हिंसक रूप लिया और बड़ी संख्या में छात्र घायल भी हुए। इस सबको देखते हुए अंतत: हसीना सरकार छात्रों के आगे झुकी और सरकारी सेवाओं से आरक्षण पूरी तरह खत्म करने की घोषणा कर दी।
बांग्लादेश में कुछ दिन से छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों, जातीय अल्पसंख्यक समूहों और महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का लगातार विरोध करते आ रहे थे। इसे लेकर कई बार प्रदर्शन किए गए। हाल ही हजारों छात्र-छात्राओं ने मिलकर एक बड़ा प्रदर्शन किया था, जिसके कारण मुख्य मार्ग बंद करना पड़े और यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी। प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियां चलार्इं, जिससे सौ से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से पूरे देश का सिस्टम चौपट हो गया था।
काफी प्रदर्शन कर लिया, अब घर लौटें
आरक्षण को खत्म करने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री हसीना ने संसद में एक बयान देते हुए कहा आरक्षण समाप्त किया जाएगा, क्योंकि छात्र इसे नहीं चाहते। उन्होंने कहा छात्रों ने काफी प्रदर्शन कर लिया, अब उन्हें घर लौट जाने दें। हालांकि उन्होंने यह बात भी कही कि सरकार उन लोगों के लिए नौकरियों में खास व्यवस्था करेगी, जो विकलांग या पिछड़े अल्पसंख्यक तबके से हैं।
उपकुलपति के घर हमला करने वाले होंगे दंडित
आरक्षण के विवादित प्रावधानों के विरोध में रविवार से विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ढाका विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के आवास पर भी धावा बोल दिया था। इसे लेकर प्रधानमंत्री हसीना ने नाराजगी जताते हुए कहा वाइस चांसलर के घर पर हमला करने वालों को छात्र कहलाने का हक नहीं है। दोषियों को सजा मिलेगी। बताया जाता है विरोध के तौर पर छात्रों ने कई सरकारी वेबसाइट्स हैक भी कर ली थीं।