ढाका/जिनेवा। बंगलादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी और बंगलादेश सरकार के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है।
प्रवक्ता एंदरेज महेकिक ने बताया कि इस सहमति पत्र में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और बंगलादेश सरकार के बीच इन शरणार्थियों को सुरक्षित, स्वैच्छिक और सम्मानजनक तरीके से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार म्यांमार भेजे जाने पर विचार किया जाएगा तथा यह भी देखा जाएगा कि क्या उनके लौटने के लिए स्थितियां बेहतर हैं।
महेकिक और बंगलादेश के विदेश सचिव मोहम्मद शहीदुल हक इस मसले पर शुक्रवार को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। इस मामले से जुड़े एक अन्य बंगलादेशी अधिकारी ने बताया कि पूरी प्रकिया यूएनएचसीआर मानकों के तहत पूरी कराई जाएगी ताकि इन शरणार्थियों के वापिस भेजे जाने की प्रकिया में किसी तरह का कोई दबाव न हो।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त माह में म्यांमार के राखिने प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के लोगों पर सेना की जोरदार कार्रवाई के बाद सात लाख रोहिंग्या मुसलमान भाग कर बंगलादेश चले गए थे। ये शरणार्थी बंगलादेश के कॉक्सबाजार क्षेत्र में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत हतिन लिन ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनका देश इस मसले पर अप्रैल माह के अंत तक एक समझौते को क्रियान्वित कर देगा ताकि इन शरणार्थियों को सुरक्षित और स्वैच्छिक तरीके से स्वदेश भेजा जा सके।