वाशिंगटन। पाकिस्तान में आम चुनाव से ठीक पहले अमेरिका ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। एमएमएल हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जमात- उद दावा का राजनीतिक मोर्चा है। अमेरिका के एमएमएल इसके साथ हीइसके सात सदस्यों को भी विदेशी आतंकवादी घोषित किया है।
अमेरिका ने तहरीक- ए- आजादी- ए- कश्मीर (टीएजेके) को भी आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया है। टीएजेके को लश्कर- ए- तैयबा का एक मोर्चा बताया जाता है, जो कि ट्रंप प्रशासन के अनुसार पाकिस्तान में बिना किसी रोक टोक के अपनी गतिविधियों का अंजाम दे रहा है।
अमेरिका का यह कदम उस समय सामने आया है जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने एमएमएल से एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण के लिए आंतरिक मंत्रालय द्वारा मंजूरी प्रमाण पत्र पेश करने के लिए कहा है। इससे पहले चुनाव आयोग ने एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर मंजूरी देने से मना कर दिया था। इसकी वजह आंतरिक मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों पर आपत्ति जताना था।
अमेरिका के राज्य विभाग का कहना है कि यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है ताकि इससे लश्कर के संसाधनों को नकार दिया जाए जिससे कि वह आतंकी हमले का प्लान ना बना सके। राज्य विभाग में आतंकवाद प्रतिरोधक नाथन सेल्स का कहना है- एमएमएल और टीएजेके दोनों लश्कर का चेहरा हैं और इन्हें इसके खिलाफ प्रतिबंधों को नाकाम करने के लिए बनाया गया। आज के संशोधनों का लक्ष्य प्रतिबंधों को बाधित करने और उसके वास्तविक धोखा देने के चरित्र के बारे में जनता को बताने का प्रयास करना है।
सेल्स ने आगे कहा- कोई गलती ना करें। लश्कर खुद को कुछ भी कह सकता है लेकिन वह रहेगा हिंसक आतंकी संगठन ही। यूएस उन सभी प्रयासों का समर्थन करेगा जिसके जरिए उसे राजनीतिक आवाज बनने से रोका जाए। यह कोशिश तब तक जारी रहेगी जब तक वह हिंसा को छोड़ नहीं देता। लश्कर की संपत्ति और रुचियां जो अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में आती हैं उनपर रोक लगा दी गई है। यूएस के नागरिकों को कहा गया है कि वह इस संगठन के साथ किसी भी तरह के लेन-देन में शामिल ना हों।
राज्य विभाग ने कहा- लश्कर पाकिस्तान में आराम से काम कर रहा है। जिसमें पब्लिक रैलियां करना, फंड जुटाना और आतंकियों को ट्रेनिंग दिलाना शामिल है। लश्कर को विदेशी आतंकी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन 26 दिसंबर 2001 को नामित किया गया था। इस संगठन के मुखिया हाफिज सईद भी एसडीजीटी हैं। डिपार्टमेंट का आरोप है कि प्रतिबंध से बचने के लिए लश्कर लगातार सालों से अपने नाम को बदल रहा है।