शंघाई। चीन का अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग-1 के धरती पर गिरने की आशंकाएं अब खत्म हो गई हैं। सोमवार को यह चीनी अंतरिक्ष स्टेशन दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में वायुमंडल में पहुंचते ही नष्ट हो गया। चीनी अंतरिक्ष प्राधिकरण ने इसकी पुष्टि की है। यह स्टेशन पिछले दो साल से अंतरिक्ष में बेकार घूम रहा था।
चीन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इस स्पेस स्टेशन ने सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर धरती के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश किया और इसका अधिकांश हिस्सा जलकर नष्ट हो गया। इससे पहले प्राधिकरण ने अपनी वेबसाइट में अंतरिक्ष स्टेशन के ब्राजील के रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो शहरों के पास दक्षिण प्रशांत तट के ऊपर दोबारा वायुमंडल में प्रवेश करने की उम्मीद जतायी थी।
अमेरिकी वायु सेना के 18वीं अंतरिक्ष नियंत्रण स्क्वाड्रन ने पृथ्वी की कक्षा के सभी कृत्रिम वस्तुओं का पता लगाते हुए कहा कि तियांगोंग-1 ने दक्षिण प्रशांत तट की ऊपर फिर से प्रवेश किया था। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन में समकक्षों के साथ समन्वय में उन्होंने भी तियांगोग-1 के फिर से वायुमंडल में प्रवेश की पुष्टि की थी।
चीन ने शुक्रवार को अंतरिक्ष स्टेशन के बड़े हिस्से के धरती पर गिरने की आशंका जतायी थी। चीन के मुताबिक 10.4 मीटर लंबा (34.1 फुट लम्बा) यह अंतिरक्ष यान तियांगोंग वर्ष 2011 में लॉन्च किया गया था। चीन की स्पेस एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक तियांगोंग-1 से मार्च 2016 से संपर्क टूट चुका था। जिसके बाद से यह अंतरिक्ष में घूम रहा था। चीन का लक्ष्य 2023 तक इस यान को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थायी रूप से स्थापित करना था।