मॉस्को। जासूस हत्याकांड के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद अलग-अलग देशों के राजनयिकों को निष्कासित करने का सिलसिला जारी है। राजनयिकों को निष्कासित करने के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब रूस ने अन्य देशों के राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है।
रूस ने अमेरिका के 60 राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है और घोषणा की है कि इस मामले में रूस पर आरोप लगाने वाले तथा ब्रिटेन एवं अमेरिका का साथ देने वाले अन्य देशों के राजनयिक को भी निकाला जाएगा।
रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित अमेरिका के वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है। शीत युद्ध के बाद से रूस ने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाऊस ने कहा है रूस के इस निर्णय से अमेरिका-रूस के संबंध और अधिक खराब होंगे। व्हाइट हाऊस के जारी बयान में कहा गया है, "रूस का यह कदम अप्रत्याशित नहीं है और अमेरिका इससे निपट लेगा।" इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने रूस की कार्रवाई को "निदंनीय और बिना चेतावनी के की गयी कार्रवाई" बताते हुए कहा था कि इससे संकट और अधिक गहरा सकता है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा, "हमारे पास जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है। हम अपने विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा रूस की इस कार्रवाई से पहले ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा कई अन्य देश जासूसी कांड के आरोप में रूस के राजनयिकों को देश छोड़ने को कह चुके हैं। हमें नहीं लगता यह जैसे को तैसा की नीति है।