न्यूयॉर्क। म्यांमार से पलायन कर बांगलादेश पहुंचे लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को गैर आबादी वाले द्वीपो में भेजने के लिए लगने वाली राशि का अधिकतर हिस्सा बांगलादेश खुद जुटा रहा है। दरअसल, बांगलादेश ने कहा है कि उसे रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बहुत कम विदेशी आर्थिक सहायता मिल पा रही है, अब विदेशी आर्थिक सहायता की अधिक उम्मीद नहीं बची है। इसलिए अब उसे ही इस काम के लिए राशि जुटानी पड़ रही है।
बंगलादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने कहा कि बंगलादेश बंगाल की खाड़ी में स्थित चक्रवात से दलदली हो चुके द्वीप में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए घर बनाने पर 28 करोड़ डालर की राशि खर्च कर रहा है। बंगलादेश विदेशी आर्थिक सहायता पर भरोसा करने की बजाय स्वयं ही अधिकांश राशि का वहन कर रहा है।
आलम ने कहा, "हम इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं कर सकते क्योंकि इसमें बहुत बड़ी मात्रा में धन व्यय होगा। अभी तक हम अपने पैसे से ही घरों का निर्माण कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय रोंिहग्या के लिए कितना धन मुहैया करा पायेगा। संयुक्त राष्ट्र की समन्वय शाखा ने अलग से 95 करोड़ डालर की तुरंत सहायता देने की मांग की है।" उन्होंने मुख्यभूमि से 30 किलोमीटर दूर स्थित द्वीप में निर्माण की योजना का उल्लेख किया।