संयुक्त राष्ट्र। विश्व तपेदिक दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस बीमारी संबंधित आंकड़े पेश किए गए। आंकड़ों के मुताबिक तपेदिक दुनिया में एक बड़ी महामारी के तौर पर उभर रही है और इससे रोजाना साढ़े चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेडरोस अदानोम गिब्रेसस ने कहा कि गरीबी के कारण लोग टीबी की चपेट में आ जाते हैं और इसके बाद अन्य लोग उससे भेदभाव करने लगते हैं जिसके कारण उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसरा हो जाने के कारण कई दवाओं ने इस रोग का मुकाबला करने में अपनी प्रभावशीलता खो दी है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर रहा, "पूरी दुनिया हालांकि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के एक हिस्से के रूप में टीबी को वर्ष 2030 तक समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन कार्रवाई तथा निवेश वास्तविकता से मेल नहीं कर रहे हैं।
गिब्रेसस ने कहा, "प्रतिबद्धताओं को अब कार्रवाई में तब्दील करने का समय है। इसके लिए हमें वित्तपोषण में निरंतर वृद्धि करने की जरूरत है।"