पेईचिंग। पूरी दुनिया में अपनी आर्थिक ताकत की धमक दिखा चुका चीन अब एक ऐसे हथियार को विकसित करने में जुटा है, जिससे अमेरिका और भारत जैसे उसके प्रतिद्वंद्वियों की चिंता बढ़ सकती है। चीनी राष्ट्रपति शी निजपिंग के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ होने के बाद अब पेईचिंग अपनी सेना के आधुनिकीकरण में पूरे जोर-शोर से जुट गया है। जिनपिंग अपने कई भाषणों में एक मजबूत सैन्यबल की वकालत कर चुके हैं। इसी क्रम में चीन अब रिमोट कंट्रोल से चलने वाले मानवरहित युद्धक टैंक का परीक्षण करने में जुटा है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार मानवरहित एमबीटी नामक यह टैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होगा और अन्य मानवरहित टैंक के साथ मिलकर काम कर सकेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह टैंक सैटेलाइट, एयरक्रॉफ्ट और सबमरीन से मिलने वाले इनपुट को एक जगह करने की क्षमता भी रखता है।
कुछ वर्षों से चीन मानवरहित ग्राउंड वीइकल और मानवरहित एरियल वीइकल बनाने में जोर-शोर से जुटा हुआ है। राष्ट्रपति जिनपिंग के नेतृत्व में पेईचिंग आक्रामक तरीके से सैन्यबलों को अत्याधुनिक संसाधनों लैस कर रहा है। मानवरहित टैंक के अलावा स्टील्थ फाइटर प्लेन और एयरक्रॉफ्ट कैरियर बनाने की भी तैयारी जारी है। सैन्य बलों को अत्याधुनिक कर चीन पूरी दुनिया को अपनी बढ़ती ताकत का संदेश देना चाहता है।
अभी परीक्षण के दौर में है एमबीटी
चीन के सरकारी टीवी पर दिखाए गए फुटेज में टाइप 59 मेन बैटल टैंक को रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाया जा रहा है। हालांकि अभी इस टैंक के रणभूमि में पहुंचने से पहले कई तरह की तकनीकी खामियों को दुरुस्त किया जाना है। यानी फिलहाल यह मानवरहित युद्धक टैंक परीक्षण के दौर में है। यह सोवियत संघ के टी54 एमबीटी मॉडल की तर्ज पर बना है। चीनी सेना ने 1950 में ऐसे टैंक का प्रयोग किया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर उत्पादन किया और तब से चीनी सेना इसका प्रयोग कर रही है।
इन हथियारों से होगा लैस
टाइप 59 टैंक में 100 एमएम का बैरल होता है। एक 7.62 एमएम मशीनगन और एक 12.7 एमएम एंटी एयरक्रॉफ्ट मशीनगन होती है। एमबीटी के सैनिक वर्जन में एक टैंक पर चार जवान होते हैं। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में यह साफ पता चल रहा है कि चीन ने रिमोट कंट्रोल के जरिए टैंक के इस्तेमाल करने की तकनीक विकसित कर ली है।