दमिश्क। सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घौटा पर सीरियाई सेना ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। सेना के विमान इलाके में हर मिनट 25 से 30 गोले दाग रहे हैं। इन हमलों में 25 बच्चों समेत 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं 325 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 48 घंटों की बात करें तो यहां कम से कम 250 लोग मारे जा चुके हैं।
सीरियन आॅब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक राजधानी दमिश्क के बाहर बमबारी में नागरिकों की मौत का यह आंकड़ा 2015 के बाद सबसे ज्यादा है। सेना के हमलों के कारण अब तक 15 हजार लोग शहर छोड़ चुके हैं। स्थानीय अस्पताल में घायलों के इलाज में लगे डॉक्टर ने बताया कि लहूलुहान एक बच्चा मेरे पास आया। उसके मुंह में रेत भरी थी। मैंने अपने हाथ से रेत निकाली। वह रेत के साथ ही सांस ले रहा था।
मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने दावा किया है कि पिछले 48 घंटों में कम से कम 250 आम नागरिकों की मौत हो गई है। मरने वालों में 58 बच्चे और 42 महिलाएं शामिल हैं। संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में पूर्वी घौटा में हुए हमलों में इसे अब तक का सबसे भयावह हमला करार दिया, जिसमें एक हजार से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। सीरिया में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि सेना के हमलों के कारण अब तक 15 हजार लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं। पूर्वी घौटा अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा ये हमारे लिए नई बात नहीं है।