जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के दबाव के बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है।
जुमा ने अपने इस्तीफे से पहले सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया जिसमें उन्होंने पार्टी द्वारा किए गए बुरे बर्ताव का जिक्र किया। अपने नौ साल कार्यकाल के दौरान अनैतिक व्यवहार तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जुमा ने कहा कि एएनसी द्वारा उन पर पद से इस्ताफी देने का दबाव बनाया जाना गलत था। मेरे साथियों ने उचित तरीके से पार्टी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
प्रसिद्ध रंगभेद विरोधी तथा जुलु बहुविवाहवादी जुमा वर्ष 1994 में सफेद अल्पसंख्यक शासन के अंत के बाद दक्षिण अफ्रीका के सबसे विवादास्पद नेता हैं। इनके कार्यकाल के दौरान देश को आर्थिक मंदी और राष्ट्रीय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इस बात को लेकर सत्तारूढ़ एएनसी ने गत दिसंबर में उनके स्थान पर उप राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को पार्टी का नेता चुना था।
इससे पहले अगस्त महीने में जैकब के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में वफादार सांसदों ने उनकी मदद की थी। इस घटना के छह महीने बाद एएनसी के संसदीय दल ने दो दिन पहले इन्हें बताया था कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो पार्टी गुरुवार को अविश्वास मत के दौरान विपक्ष की मदद करेगी।
एएनसी के मुख्य प्रवक्ता जैक्सन मथेम्बू ने कहा, "हम लोगों ने जुमा को राष्ट्रपति चुनकर देश को नुकसान में डाल दिया। हमें इस व्यक्ति को बारिकी से परखना चाहिए था। हम दूरदृष्टि निर्णय में भयानक त्रुटि कर चुके हैं।" गौरतलब है कि जैकब पर एक पारिवारिक मित्र ने बलात्कार का आरोप लगाया था जिससे वह वर्ष 2006 में बरी हो गए थे। जुमा पर दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति रहते हुए 1990 के आखिर तक भ्रष्टाचार के लगभग आठ सौ मामले सामने आए थे। इसके अलावा जैकब पर संविधान का उल्लंघन करते हुए अपने घर के नवीनीकरण के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। जिसके लिए उन्हें पांच लाख डॉलर से अधिक का भुगतान करना पड़ा।