इस्लामाबाद। संघर्ष विराम उल्लंघन और आर्मी कैम्पों पर आतंकी हमले को लेकर भारते के रुख से पाकिस्तान डरा हुआ है। पाकिस्तान में आतंक रोधी कानून 1997 में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया है। जिस पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने गुपचुप तरीके से हस्ताक्षर किए हैं। इस हस्ताक्षर के बाद जमात उद दावा आतंकी संगठन करार दे दिया गया। बता दें कि दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्वीकृत प्रस्ताव 1267 में हाफिज सईद को सूचीबद्ध किया गया था।
पाक ने इस अध्यादेश के बारे में सोमवार को सार्वजनिक तौर पर घोषणा की। हालांकि अगर यह अध्यादेश कानून का रूप नहीं लेता है तो समय सीमा खत्म होने के बाद जमात-उद-दावा से प्रतिबंध अपने आप हट जाएगा। पाकिस्तानी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, इस अध्यादेश के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा संदिग्ध गतिविधि करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया। इस सूची में जमात-उद-दावा व तालिबान जैसे कई संगठन शामिल हैं।
भारत भी हमेशा यह कहता रहा है कि जमात-उद-दावा प्रमुख सईद 2008 नंवबर में हुए मुंबई हमले का मास्टर माइंड है। इसके लिए अमेरिका ने भारत का समर्थन करते हुए सईद के ऊपर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।
पाकिस्तान की ओर से यह कदम फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक से पहले उठाया गया है। इस बैठक का आयोजन पेरिस में 18 से 23 फरवरी तक होना है। एफएटीएफ ने ‘ग्रे और ब्लैक लिस्ट’ बनाया है जिसमें उन देशों को रखा है जो मनी लॉड्रिंग व आतंक फंडिंग को खत्म करने में कमजोर हैं। ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिका के दबाव में आकर एफएटीएफ पाकिस्तान को भी ग्रे लिस्ट में न डाल दे।