अबू धाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया। उन्होंने यूएई के ओपेरा हाउस में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मंदिर की आधारशिला रखी।
ओपेरा हाउस में मोदी-मोदी
पीएम ने अबू धाबी में बनने वाले भव्य मंदिर के लिए 125 करोड़ भारतीयों की ओर से वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया। यह मंदिर 55000 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा और यह 2020 में पूरा होगा। इसका निर्माण भारतीय शिल्पकार कर रहे हैं। इस दौरान ओपेरा हाउस में भारत माता की जय और मोदी-मोदी के जमकर नारे लगे।
खाड़ी देशों से हमारा गहरा संबंध
ओपेरा हाउस में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत का खाड़ी देशों से गहरा संबंध है। मोदी ने कहा कि खाड़ी देशों से हमारा नाता सर्फ कारोबार का नहीं बल्कि सहयोग का भी है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों की विकास यात्रा में 30 लाख से ज्यादा भारतीय भी शामिल हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी यूएई की 2015 की अपनी यात्रा के बाद दूसरी बार यहां आए हैं।
नोटबंदी से उड़ी नींद
मोदी ने अपने संबोधन में कहा - यहां के लोगों के प्रेम और स्नेह के लिए मैं शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है, अब लोग यह नहीं कहते कि कैसे होगा, वो बस अब करने में यकीन रखते हैं। मोदी के संबोधन के दौरान तालियां गड़गड़ाती रहीं और मोदी-मोदी के नारे लगते रहे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी को गरीब ने सही माना जबकि कुछ लोगों की नींद उड़ गई। मोदी ने कहा कि लोगों के लिए प्रिय नहीं, बल्कि फायदे होने वाले कदम उठाने जरूरी हैं।
भारत-यूएई के बीच हुए 5 समझौते
मोदी ने अबूधाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात कर अनेक विषयों पर बातचीत की और इस दौरान दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें इंडियन ऑयल के नेतृत्व वाले कंपनी समूह को अपतटीय तेल सुविधा में 10% हिस्सेदारी देने का
समझौता भी शामिल है।
इस दौरान शहजादे ने कहा कि हम दोनों भारत-यूएई के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम प्रतिबद्ध हैं कि कैसे इनसे दोनों देशों और पूरे दुनिया को फायदा होगा। प्रतिनिधि स्तर की वार्ता से पहले प्रधानमंत्री मोदी और अबूधाबी के शहजादे के बीच निजी बातचीत भी हुई। दोनों नेताओं के बीच रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए बातचीत हुई। बातचीत के बाद दोनो पक्षों ने ऊर्जा के क्षेत्र, रेलवे, श्रमशक्ति और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में पांच समझौते किए।
यहां भारतीय दूतावास से जारी एक बयान में कहा गया कि इंडियन कंसोर्टियम (ओवीएल, बीपीआरएल और आईओसीएल) तथा अबूधाबी नेशलन ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत भारतीय कंपनियों के समूह को अबूधाबी के अपतटीय लोअर जाकुम सुविधा तेल क्षेत्र में 10% हिस्सेदारी मिलेगी। यह सुविधा उसे 40 साल यानी 2018 से 2057 तक के लिए मिलेगी। इसमें कहा गया कि यह यूएई के अपस्ट्रीम ऑयल सेक्टर में पहला भारतीय निवेश है।