संयुक्त राष्ट्र। इंटरनेशनल कोर्ट में भारत की ओर से नामित दलवीर भंडारी के दोबारा चुने जाने पर ब्रिटेन का कहना है कि वह करीबी दोस्त भारत की जीत से खुश है। महासभा में भंडारी को मिल रहे व्यापक समर्थन के बाद इंटरनेशनल की इस बेहद कठिन दौड़ से ब्रिटेन को अपने उम्मीदार का नाम वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा।
इंटरनेशनल कोर्ट के पांच में से चार जजों के चुनाव के बाद पांचवें जज के तौर पर पुन: चुने जाने के लिए भारत के भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच बेहद कड़ा मुकाबला था। भंडारी इस महासभा में दो बार चुने जाने वाले पहले भारतीय है।
70 वर्षीय भंडारी की जीत के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है, वंदे मारतम-भारत ने इंटरनेशनल के लिए चुनाव जीता। जय हिन्द। भंडारी की इस जीत को भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
महासभा में भंडारी को 193 में से 183 वोट मिले जबकि सुरक्षा परिषद् में सभी 15 मत भारत के पक्ष में गए। इस चुनाव के लिए न्यूयॉर्क स्थित संगठन के मुख्यालय में अलग से वोटिंग कराई गई थी।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारतीय जज दलवीर भंडारी की जीत का श्रेय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को दिया। उन्होंने भारत में विश्वास और समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय तथा दूतावासों में उनकी पूरी टीम को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई, जिसके कारण भारत आईसीजे में पुन: निर्वाचित हुआ है।
मोदी ने आगे लिखा है, भंडारी पुन: जीत हमारे लिए गौरव का क्षण है। वहीं कांग्रेस ने भी भंडारी को बधाई देते हुए ट्वीट किया है, भंडारी को दोबारा चुने जाने पर बधाई। भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत।
पद्मभूषण से सम्मानित हैं जस्टिस भंडारी
राजस्थान जोधपुर के नामी वकील महावीरचंद भंडारी के घर 1946 में जन्मे जस्टिस भंडारी ने जोधपुर यूनिवर्सिटी से लॉ करने के बाद अमेरिका से मास्टर्स डिग्री ली। राजस्थान हाईकोर्ट में कुछ सालों की प्रैक्टिस के बाद वे दिल्ली में प्रैक्टिस करने लगे। जस्टिस दलवीर भंडारी को 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।