मनीला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेशकों से भारत में निवेश करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर और नोटबंदी जैसे कदमों के बेहतर परिणाम सामने आयें है और सरकार आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढ़ती रहेगी।
मोदी ने यहां 'आसियान कारेबार एवं निवेश सम्मेलन' में अपने संबोधन में कहा कि सरकार भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है जिससे देश के युवा रोजगार चाहने वाले नहीं बल्कि रोजगार प्रदान वाले बनें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कारोबार का माहौल सरल करने और कालेधन तथा भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए वस्तु एवं सेवा कर तथा नोटबंदी जैसे कदम उठाए हैं। पिछले साढ़े तीन साल में 1200 से ज्यादा कानूनों को खत्म किया गया है और बैंकिंग तथा अन्य क्षेत्रों में सुधार करने के लिए नये कानून बनाए हैं। इनसे कारण कारोबार करने की सुगमता की विश्व बैंक की सूची में भारत के स्तर में 30 अंकों का सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि ये सुधार काफी नहीं है और आने वाले समय में सरकार आर्थिक सुधारों को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भारत में बदलाव की दिशा में लगातार अभूतपूर्व ढंग से काम चल रहा है। सरकार रात दिन इसके लिए जुटी हुई है जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया सरल, प्रभावी और पारदर्शी बन सके।
समिट के दौरान नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता की। फिलीपींस के मनीला में हुई इस बातचीत में ट्रंप ने भारत की तारीफ की जिसके लिए मोदी ने उनका शुक्रिया किया।
खेती करते आए नज़र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिलीपींस के लॉस बनोस के इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट का दौरा किया। आपको बता दें कि इसका एक सेंटर जल्द ही वाराणसी में खुलेगा। प्रधानमंत्री ने यहां पर एक फोटो प्रदर्शनी को भी देखा। जिसमें धान की खेती, वाराणसी में खुलने वाले सेंटर आदि के बारे में विस्तार से बताया गया था। पीएम ने इस दौरान IRRI में कार्यरत कई भारतीय विज्ञानिकों से भी बातचीत की।
क्यों अहम है ये बैठक?
दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल के बीच चारों देशों को मिलाकर एक समूह बनाने का कदम उठाया जा रहा है। चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे हिस्से पर दावा करता है जबकि वियतनाम, फिलीपन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसका विरोध कर रहे हैं। अमेरिका विवादित दक्षिण और पूर्वी चीन सागर पर दावे को लेकर चीन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है।
आसियान का महत्व
गौरतलब है कि आसियान समूह में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रूनई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम शामिल है। 10 सदस्यीय आसियान और भारत की कुल आबादी 1.85 अरब है, जो वैश्विक आबादी का एक चौथाई हिस्सा है। इनकी कुल जीडीपी 3800 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। वहीं भारत और आसियान के बीच कारोबार वर्ष 2015-16 में 65.04 अरब डॉलर था, जो दुनिया के साथ भारत के कुल कारोबार का 10.12 प्रतिशत था।