काबुल। अफगानिस्तान सरकार ने कई निजी दूरसंचार कंपनियों को देश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम इंस्टेंट मैसेजिंग सेवाओं को निलंबित करने के लिए कहा है। इस कदम को अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश के रूप में देखा जा रहा है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को बताया कि देश के अभिजात वर्ग में लोकप्रिय एप शुक्रवार को भी निजी दूरसंचार ऑपरेटरों पर काम कर रहे थे हालांकि सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी सेलाम टेलीकॉम के ग्राहकों ने बताया कि दोनों एप काम करना बंद कर चुके हैं। नाई समूह के कार्यकारी निदेशक अब्दुल मुजीब खलवटगर ने कहा कि यह गलत और गैर कानूनी है।
संविधान के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अफगानिस्तान में अलंघनीय है। खलवटगर ने कहा कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम अभिव्यक्ति की आजादी के उपकरण हैं। अगर सरकार उन पर प्रतिबंध लगाती है तो इसका मतलब है कि कल वह अफगानिस्तान में मीडिया के खिलाफ खड़ा हो सकती है। व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण गुरुवार को स्पष्ट नहीं हो पाए। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के उपनिदेशक ने बीबीसी को बताया कि प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाए गए हैं। रपट में कहा गया है कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम अक्सर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा सरकारी निगरानी से बचने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि 20-दिवसीय प्रतिबंध का अनुरोध राष्ट्रीय निदेशालय की तरफ से आया है, जोकि देश की खुफिया एजेंसी है। मंत्रालय ने कहा कि एक नई तकनीक शुरू करने के लिए इन एप पर प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि उपयोगकर्ताओं ने व्हाट्सएप की सेवा की गुणवत्ता के बारे में शिकायत की थी। मंत्रालय ने इस बात से भी इनकार किया है कि यह प्रतिबंध अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरा है। मंत्रालय ने कहा कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम बस संपर्क और ऑडियो संदेश भेजने के एप्लिकेशन हैं और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं करता।