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अमीरी-गरीबी की खाई दीनदयाल के दर्शन से पाटी जा सकती है: चौहान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 24 2017 9:01PM | Updated Date: Oct 24 2017 9:01PM
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वाशिंगटन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व में अमीरों और गरीबों के पास उपलब्ध संसाधनों में  व्यापक अंतर पर चिंता जताते हुए कहा है कि महान विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का सिद्धांत अपनाकर इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। चौहान ने अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को यहां भारतीय दूतावास के सहयोग से 'फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायसपोरा स्टडीज' की ओर से आयोजित 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय फोरम' के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसार में भौतिकवादी प्रवृत्ति के कारण अमीरों और गरीबों के पास उपलब्ध संसाधनों का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। वैश्विक समाज में एकरूपता लाने के लिए अमीरों और गरीबों के पास उपलब्ध संसाधनों के अंतर को कम करना जरूरी है और यह पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को अपनाकर किया जा सकता है।

चौहान ने एकात्म मानववाद के दर्शन की व्याख्या करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में इस दर्शन को आधार बनाकर योजनाएं बनायी गई हैं। इन योजनाओं का आधार यह है कि गरीबों और समाज के अंतिम तबके के व्यक्ति को बुनियादी सुविधाएं मिलें और उनका सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान हो सके। चौहान ने भौतिकवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण पृथ्वी पर स्थित प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन का जिक्र किया और कहा कि 'ग्लोबल वार्मिंग' और इस तरह की अन्य समस्याओं का यही कारण है। यह सब मानव सभ्यता के लिए खतरा बन गए हैं। उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों से ग्लोबल वार्मिंग और इस तरह के खतरों से निपटने का अनुरोध किया और कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग होना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने इस अवसर पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के तीन आयाम गौरव, स्वतंत्रता और एकता हैं। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स) के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति और पेटे ओल्सन ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए दर्शन बेहद जरूरी है।

 
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