वॉशिंगटन। इंटनेशनल मॉनेटरी फंड की एमडी क्रिस्टीन लगार्डे का मानना है कि भारत की इकोनॉमी काफी मजबूत ट्रैक पर है और भविष्य में नोटबंदी और जीएसटी का अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि आईएमएफ ने भारत की ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया था।
मीडियम, लांग टर्म में दिखेगा रिजल्ट
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, लगार्डे का मानना है कि भारत में ऐसे काफी मजबूत रिफॉर्मं हो रहे हैं, जिनका नतीजा मीडियम और लांग टर्म में देखने को मिलेगा। पहले नोटबंदी और फिर बाद में जीएसटी के लागू करने के बाद यह देखना आश्चर्यजनक नहीं था कि इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ी है, लेकिन लंबे समय में इसका अच्छा फायदा देखने को मिलेगा।ण्
जेंडर गैप को कम करना होगा
भारत को जेंडर गैप को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे भारत में महिलाओं को काम करने के ज्यादा से ज्यादा मौके मिलेंगे। इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने से भी महिलाओं को काम करने के मौके मिलेंगे।
इसके लिए जेंडर कानून बनाए जाएं, साथ ही महिलाओं की ट्रेनिंग और एजुकेशन पर ज्यादा इन्वेस्ट हो। आईएमएफ के रीजनल इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, हाल के क्वार्टर्स में भारत की ग्रोथ में नोटबंदी-जीएसटी जैसे फैसलों से कुछ गिरावट दिखती है। लेकिन जल्द ही इकोनॉमी इससे उबर भी जाएगी।
भविष्य में दिखेगी बढ़िया ग्रोथ
भारत की इकोनॉमी भविष्य में इन तीन कारणों से काफी तेजी से आगे बढ़ेगी। ये तीन कारण हैं महंगाई दर में गिरावट, फिस्कल डेफिसिट में कमी और रिफॉर्म का लागू होना। इनके चलते नई नौकरियां भी खूब आएंगी, जिसकी आशा देश का हर नौजवान कर रहा है।
इकोनॉमी के तीन मोर्चों पर बड़े सुधार जरूरी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बुनियादी बदलाव के लिए तीन मोर्चों पर काम करने की तस्वीर पेश की है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत को श्रम कानूनों की संख्या घटानी चाहिए। इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना चाहिए और महिलाओं के लिए ज्यादा मौके पैदा करने चाहिए।
आईएमएफ में एशिया-प्रशांत विभाग के डिप्टी डायरेक्टर केनेथ कंग ने कहा कि एशिया में बेहतर आर्थिक विकास की संभावनाएं हैं और भारत के लिए अभी मुश्किल सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए बेहतरीन मौका है।