वाशिंगटन। सीनियर अमेरिकी सांसद ने कहा कि यूएस को पाकिस्तान के बलोच लोगों और वहां दमन झेल रहे अन्य समूहों का समर्थन करना चाहिए। सांसद डेना वॉरोबेकर ने कहा कि पाकिस्तान को नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा स्थानीय लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का ही नतीजा था कि ईस्ट पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया। संसाधनों के मामले में काफी समृद्ध बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यहां की आबादी बेहद कम है। उन्होंने कहा कि कई बार इस इलाके से पाकिस्तानी सिक्यॉरिटी फोर्स द्वारा स्थानीय लोगों के साथ बर्बरता की खबरें आती हैं।
वॉरोबेकर न कहा कि 'जब बांग्लादेश के लोग पाकिस्तानी सरकार से थोड़ा आजाद होना चाहते थे, उस समय स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन उस समय पाकिस्तानी सरकार ने बेरहमी से उनका दमन किया।' डेना वॉरोबेकर ये बातें गुरुवार को यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में कहीं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों का साथ देना चाहिए जो अपनी आजादी चाहते हैं और उन्हीं मूल्यों पर विश्वास करते हैं, जिन्हें हम मानते हैं। उन्होंने कहा, 'यही पाकिस्तान का इतिहास है। अब वे ऐसा बलोच के साथ कर रहे हैं, सिंधियों के साथ कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार में सिर्फ कुछ खास समुदाय के लोगों का ही कब्जा है।'