डेस्क। कॉस्मैटिक्स के ब्रांड डव के एक नए विज्ञापन कैंपेन पर विवाद शुरू हो गया है। डव ने एक साथ ऐसी कई तस्वीरें लॉन्च की थीं, जो सीधे तौर पर नस्लभेदी थी। इसमें दिखाया गया है कि एक अश्वेत महिला बाथरूम में है और उसके बगल में एक बॉडी वॉश रखा हुआ है।
महिला अपनी ब्राउन (भूरी रंग की) टीशर्ट उतारती है और उसके बाद अगली तस्वीर में एक श्वेत महिला मुस्कुराती हुई दिखाई देती है। इस नए विज्ञापन के जारी होते ही नस्लभेदी होने के आरोप में कंपनी के खिलाफ विरोध शुरू हो गया। इसे देखते हुए डव कंपनी ने ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट करके माफी मांगी है। मगर, ये नहीं बताया कि इस तरह का नस्लभेदी कैंपेन क्यों चलाया गया।
अमेरिका के वॉशिंग्टन पोस्ट ने भी इस बारे में सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब डव या उससे जुड़ी हुई किसी कंपनी की तरफ से नहीं दिया गया है। किसी साबुन के इस्तेमाल के बाद अश्वेत महिला का गोरा हो जाना एक नस्ल भेदी संदेश देता है। इससे ऐसा लगता है कि अश्वेत होना और गंदा होना एक जैसा है।
सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि साबुन के विज्ञापन में नस्लवाद साफ झलक रहा है। यह एक अश्वेत महिला को श्वेत महिला में बदलते हए दिखा रहा है। कई लोगों ने डव की इस कल्पना की आलोचना करते हुए कहा कि डव को लगता है कि काली त्वचा गंदी है और सफेद त्वचा साफ है। एटलांटा में एमोरी विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफेसर एबागेल सिवेल (34) ने फेसबुक पर लिखा, डव की मार्केटिंग टीम मौलिक रूप से जातिवादी है। एक साफ शरीर श्वेत शरीर नहीं है। अश्वेत शरीर व्यवस्थित रूप से गंदा नहीं है। मैंने हमेशा से ही डव के उत्पादों को उपयोग किया है, लेकिन अब समय आ गया है, जब उसे छोड़ दिया जाए।