सिंगापुर। सिंगापुर के संसद की पूर्व अध्यक्ष हलीमा याकूब आज देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गई। अब इस निर्वाचन को अलोकतांत्रिक बताकर लोग इसकी आलोचना कर रहे है। हलीमा को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि प्रशासन ने इस पद पर खड़े होने के लिए उने विरोधियों को अयोग्य करार दिया था। सिंगापुर में इस बार राष्ट्रपति का पद अल्पसंख्यक मलय समुदाय के उम्मीदवार के लिए आरक्षित था।
संसद के अध्यक्ष के तौर पर अपने अनुभव के कारण याकूब अपने आप राष्ट्रपति पद के नामांकन के नियमों के तहत योग्य साबित हो गईं। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद याकूब ने कहा कि यह एक आरक्षित चुनाव था लेकिन मैं आरक्षित राष्ट्रपति नहीं हूं। मैं हर किसी की राष्ट्रपति हूं। उनसे पहले देश के आखिरी मलय राष्ट्रपति युसूफ ईशाक थे जिनकी तस्वीर देश के नोटों पर है। वह 1965 से 1970 के दौरान राष्ट्रपति रहे। निर्वाचन विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि राष्ट्रपति पद के लिए जिन अन्य 4 लोगों ने आवेदन दिया था उनमें से दो मलय नहीं थे और दो ने योग्यता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया था।