सोल। उत्तर कोरिया के छठे परमाणु परीक्षण की वहां के सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है। सरकारी मीडिया ने रविवार को कहा कि देश ने रविवार को ‘पूरी सफलता’ के साथ हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। यह बम उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों से भी दागा जा सकता है। उत्तर कोरिया के छठे परमाणु विस्फोट के कुछ घंटों बाद उसके आधिकारिक कोरियाई सेंट्रल टेलिविजन ने घोषणा की, ‘हाइड्रोजन बम धमाका पूरी तरह से सफल था।’ इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उ. कोरिया को दुष्ट राष्ट्र कहा है।
हिल उठी थी धरती
इससे पहले जापान ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए छठे परमाणु परीक्षण की पुष्टि की थी। जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने पत्रकारों को बताया, ‘मौसम विभाग और अन्य जानकारियों की जांच करने के बाद सरकार पुष्टि करती है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया है।’ खबरों के मुताबिक, इस धमाके की ताकत पिछले या पांचवें परीक्षण से 9.8 गुना ज्यादा थी। भूकंप वैज्ञानिकों को उस जगह जमीन हिलने का पता चला है जहां उत्तर कोरिया ने पिछले परमाणु परीक्षण किए थे।
धमाके की आवाज रिकॉर्ड
जापान से पहले दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप ने सेना अधिकारियों के हवाले से परमाणु परीक्षण की संभावना जताई थी। उत्तर कोरिया के सुंगजीबायगाम क्षेत्र से 24 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की तरफ 5.1 मैग्निट्यूड वाले धमाके की आवाज रिकॉर्ड किए जाने की बात कही गई थी। कोरिया मीटरलॉजिकल ऐडिमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि उत्तर हेमग्येओंग प्रांत में (स्थानीय समयानुसार) दोपहर 12.30 बजे (धमाके की वजह से) जमीन हिलने का पता लगा है।
किम ने किया था निरीक्षण
बता दें कि कुछ घंटे पहले ही खबर आई थी कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम विकसित कर लिया है जिसे मिसाइल से लॉन्च किया जा सकता है। उत्तर कोरिया की एक न्यूज एजेंसी ने तानाशाह किम-जोंग उन की कुछ तस्वीरें रिलीज की थीं जिनमें वह नए हाइड्रोजन बम का निरीक्षण करते दिख रहे हैं। काला सूट पहने किम ने जोंग-उन ने वैज्ञानिकों के साथ न्यूक्लियर वेपंज इंस्टिट्यूट का दौरा किया और ‘परमाणु हथियारों को लेकर मार्गदर्शन किया’।
अमेरिका ने किया परीक्षण का विरोध
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पद संभालने के बाद उत्तर कोरिया का यह पहला परमाणु परीक्षण है। ट्रंप ने इस परीक्षण का विरोध करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया एक दुष्ट राष्ट्र है और यह चीन के लिए भी खतरा और शर्मिंदगी का कारण बन गया है, जो उसे रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन थोड़ी सफलता के साथ। ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, दक्षिण कोरिया को अब मेरी बात समझ आ रही है कि उत्तर कोरिया के साथ तुष्टीकरण वाली बातचीत का असर नहीं होगा।