बीजिंग। भारत-चीन के बीच 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के खत्म होने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे, जहां उनके चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की संभावना है। इस दौरान सबकी नजर मोदी-शी की मुलाकात पर टिकी होंगी।
आपको बता दें कि इस तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में पांच सदस्य देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) भाग लेंगे। चीन के शियामेन शहर में तीन दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन 4 सितंबर से शुरू होगा।
डोकलाम से 28 अगस्त को भारत-चीन के अपने-अपने सैनिकों को हटाने का फैसला करने के बाद यह सम्मेलन पहला मौका होगा, जब ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता मिलेंगे। ब्रिक्स व्यापार मंच की यह आठवीं बैठक है। इसमें भारत समेत ब्रिक्स देशों से 1000 से अधिक उद्योगपतियों के भाग लेने की उम्मीद है।
मोदी-शी की मुलाकात पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे बहुपक्षीय मौकों पर द्विपक्षीय बैठकें होना एक सामान्य व्यवहार है। वहीं, चीनी मंत्रालय ने कहा है कि यदि समय ने इजाजत दी तो वह ऐसी व्यवस्था करेगा।
दरअसल, चीनी सैनिकों ने डोकलाम इलाके में एक सड़क बनाने की कोशिश शुरू की, जिससे भारत को यह आशंका हुई कि इससे पूर्वाेत्तर राज्यों से चीन उसका संपर्क काट सकता है।
गौरतलब है कि पिछले साल भारत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी ने पाकिस्तान को दुनिया भर के आतंकवाद की जननी कहा था और आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक वैश्विक कार्वाई की मांग की थी। वहीं सम्मेलन से पहले चीन ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी रिकॉर्ड का मुद्दा उठाने के लिए ब्रिक्स एक उचित मंच नहीं है।