इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम कश्मीर के सामाधान के जरिए ही उनके देश और भारत के बीच शांति हासिल हो सकती है। अपने गृह नगर सियालकोट में मीडिया से रूबरू होते हुये आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ अच्छा पड़ोसी रिश्ता चाहता है लेकिन ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक नयी दिल्ली इसके लिए तैयार नहीं होगी। आसिफ ने दावा किया कि कश्मीर के लोग ‘आत्मनिर्णय के अधिकार’ के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जो उन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अपने संकल्पों के माध्यम से “आश्वासन दिया” था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को ‘जनमत संग्रह के अधिकार’ हासिल करने के लिए लगातार मदद देता रहेगा।
विदेश मंत्री बनने के बाद आसिफ की यह पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आसिफ ने आतंकवाद पर भी बात की। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने की पूरी कोशिश में लगा है। उनके मुताबिक कोशिशों के लिए दुनिया के बाकी देश पाकिस्तान की तारीफ भी करते हैं। आसिफ का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब कुछ दिन पहले ही यूएस ने पाकिस्तान के रवैए पर चिंता जताई। यूएस ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा कुछ आतंकी संगठनों को सहायता देने का आरोप भी लगाया गया था। आसिफ ने इसके लिए पाकिस्तान की आर्मी की तारीफ की।
पाकिस्तान में इससे पहले नवाज शरीफ की सरकार थी। लेकिन पनामा पेपर वाले मामले में आरोप साबित होने के बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनको प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको दोषी करार दिया। नवाज का नाम पनामा पेपर में आया था। यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। उनके बाद शाहिद अब्बासी को पाकिस्तान का पीएम बनाया गया है।