बीजिंग। भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। गुरुवार को जहां एक ओर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन में डोकलाम सीमा पर भारत का पक्ष रखा। वहीं शुक्रवार को चीन ने एक बार फिर इस मुद्दे पर गीदड़ भभकी दी है। चीन ने भारत को धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत अपने सैनिक वापस नहीं बुलाता है तो उसे इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में चीन के वरिष्ठ राजनयिक लियु जिनसोंग ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में अवैध तरीके से सीमा पार की है। वहीं गुरुवार को राज्यसभा में चीन-भारत संबंधों पर सुषमा स्वराज ने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर अपनी बात रखी।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और पीएलएन के कर्नल रेन गुओकियांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने गुडविल दिखाते हुए इस मामले पर अभी कूटनीतिक हल का रास्ता अपनाया है। लेकिन इसकी भी एक सीमा है और संयम खत्म होने की ओर है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने उल्टे भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को इस भ्रम से खुद को निकाल देना चाहिए कि देर करने से डोकलाम समस्या का हल हो जाएगा। धमकी देते हुए चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की जमीन को कोई भी देश ले नहीं सकता। चीनी सेना अपने भूभाग और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है।
50 दिनों से सिक्किम सेक्टर के पास भारत-चीन-भूटान के बीच ट्राईजंक्शन पर जारी तनाव और भारत-चीन की सेनाओं के आमने-सामने डटने के बीच चीन की ओर से लगातार धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हाल ही में भारत में स्थित चीनी दूतावास की ओर से 15 पेज का बयान जारी किया गया था जिसमें डोकलाम में भारत की मौजदूगी को गलत ठहराने की कोशिश की गई थी। इससे पहले चीन ने बीजिंग में स्थिति विदेशी दूतावासों, सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों और जी-20 के प्रतिनिधियों को डोकलाम में भारत के खिलाफ फर्जी सबूत पेश कर भड़काने की कोशिश कर चुका है।