पेरिस। अंटार्कटिका में मौजूद आईसबर्ग लार्सेन सी का एक बहुत बड़ा हिस्सा टूट कर अलग हो गया है। बताया जा रहा है कि इस हिमखंड का वजन खरबों टन से अधिक है इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि यह अब तक का सबसे बड़ा आइसबर्ग है जो टूटकर अलग हुआ है। इसका आकार 5800 वर्ग फीट किलोमीटर है। इसकी विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह भारत की राजधानी नई दिल्ली से तकरीबन चार गुना बड़ा है। यही नहीं गोवा के आकार से तकरीबन डेढ़ गुना बड़ा है और न्यूयॉर्क शहर से 7 गुना बड़ा है।
वैज्ञानिको को इस बात का पहले से ही अंदाजा था कि यह आइसबर्ग टूटकर अलग हो सकता है। लार्सेन सी में जिस तरह से बड़ी दरार आई थी उस पर वैज्ञानिकों की नजर थी यह पिछले कुछ दशकों में बड़ी होती गई लेकिन 2014 से यह दरार काफी तेजी से बढ़ने लगी जिसके बाद से इसके टूटने की संभावना काफी बढ़ गई थी। यह 200 मीटर मोटा आइसबर्ग बहुत दूर तक तैरकर नहीं जाएगा लेकिन इस पर नजर रखने की जरूरत है हवा दबाव मुमकिन है कि इसे पूर्वी अंटार्कटिका की ओर ढकेल दे ऐसे में यह जहाजों के लिए काफी नुकसान दायक साबित हो सकता है।
वहीं घटना पर वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी अहम वजह है कार्बन उत्सर्जन, जिसके चलते ग्लेशियर का तापमान बढ़ा है। जिसकी वजह से ग्लेशियर पिघल रहे है। कार्बन उत्सर्जन मुख्य रूप से O3 गैस से होता है जिसे एसी और फ्रिज में इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा तमाम इंडस्ट्री में भी इस गैस का इस्तेमाल किया जाता है।