नई दिल्ली। सिंगापुर में विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि एशियाई देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध व्यापक रूप से बढ़ रहे हैं। इसलिए भारत और चीन के बीच मतभेद को विवाद का रूप न दें। उन्होंने कहा कि भारत और चीन अतीत में भी सीमा विवादों से निपट चुके है साथ ही उन्होंने कहा कि कोई ऐसा कारण नहीं दिखाई दे रहा कि इस बार विवाद से नहीं निपट पाएंगे। जयशंकर ने यह भी कहा कि एशियाई देशों पर भारत और चीन के संबंधों का प्रभावी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम दो महाशक्तियों की निकटता के बारे में जागरूक है।
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि आज भारत-चीन संबंध वास्तव में बहुमुखी है। पिछले दो महीनों के दौरान जब वे दो देशों के नेताओं से मिले तो वे 2 अंकों की सहमति पर पहुंच गए। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि ये केवल भारत और चीन का निजी मामला नहीं है बल्कि इस मामले में एशिया समेत पूरा विश्व रूचि रखता है। भारत और चीन के बीच जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें 220 किलोमीटर का क्षेत्र सिक्किम में पड़ता है।