हैमबर्ग। जी20 शिखर सम्मेलन औपचारिक तौर पर शुरू हो गया है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने दुनिया भर आए शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। मर्केल ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाकर उनका जी20 सम्मेलन में बतौर मेजबान स्वागत किया। इसके साथ ही एंजेला मर्केल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पुतिन और चीनी राष्ट्रपति से भी मुलाकात की। सम्मेलन से पहले ब्रिक्स देशों की बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के बारे में भी बात की। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आतंकवाद पर आपनाए रुख पर भारत के कदम की सराहना की है।
चीनी राष्ट्रपति के संबोधन से पहले ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के बारे में भी बात की। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से पूरा भारत एक मार्केट बन जाएगा। हमारे फैसले से वैश्विक परिस्थितियों पर बेहतर असर होगा और व्यापार में आसानी होगी।
क्या है जी20 का एजेंडा
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले दो दिन दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर जी20 देशों के नेताओं के साथ बात होगी। इनमें आर्थिक विकास, सतत विकास और शांति एवं स्थिरता पर बात होगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल हांगझू में हुई जी20 समिट में उठाए गए मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा हो सकती है। इनमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, विकास और व्यापार, डिजिटलाइजेशन, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, महिला सशक्तिकरण और अफ्रीका के साथ भागीदारी पर चर्चा होने की संभावना है।
G20 में ये देश होगें शामिल
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। आपको बता दें कि उन्नीस देशों और यूरोपीय संघ के संगठन को ग्रुप ऑफ 20 कहा जाता है. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
जी20 सम्मेलन के विरोध में प्रदर्शन
जी20 शिखर सम्मेलन के विरोध में गुरुवार को पुलिस के साथ संघर्ष के दौरान करीब 76 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्वीकरण-विरोधी वेल्कम टू हेल शांतिपूर्ण रैली ने शाम होते-होते हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें, मिर्च स्प्रे और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।