नर्इ दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए थे वहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका की मजबूत दोस्ती का वादा किया था। अब इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है भारत अब अमेरिका की इस लिस्ट में शामिल होने वाला 11वां देश हो गया है। जिनमें नागरिकों को अमेरिकी हवाईअड्डों पर इमिग्रेशन की लंबी लाइन में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। अमेरिका अपने 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' के तहत कुछ देशों के नागरिकों को हवाईअड्डों पर विशेष सुविधा प्रदान करता है। यह सुविधा अमेरिकी सीमा शुल्क एवं बॉर्डर सुरक्षा (सीबीपी) विभाग की ओर से दी जाती है। इसका लाभ लेने के लिए यात्रियों को नामांकन करवाकर मंजूरी लेनी होती है।
आवेदक की जांच के बाद सीबीपी उनका इंटरव्यू लेता है और पूरी तरह संतुष्ट होने पर उन्हें इस सेवा का लाभ उठाने की मंजूरी देता है। ऐसे यात्री चुनिंदा हवाईअड्डों पर उतरने के बाद स्वचालित व्यवस्था की मदद से जल्द बाहर निकल जाते हैं। अमेरिका ने अब इस 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' में भारतीय नागरिकों को भी शामिल कर लिया है। अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना इस प्रोग्राम में नामांकन करवाने वाले पहले भारतीय हैं। सीबीपी के कार्यवाहक कमिश्नर केविन मैकलीनन ने इस मौके पर कहा, अपने विश्वसनीय और भरोसेमंद भारतीय नागरिकों को इस ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम में शामिल करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। यह सेवा फिलहाल अमेरिका के 53 हवाईअड्डों और 15 प्री-क्लियरेंस केंद्रों पर लागू है। यह सुविधा भारत के अलावा अमेरिका के नागरिक व ग्रीन कार्ड धारक और अर्जेटीना, कोलंबिया, जर्मनी, मैक्सिको, नीदरलैंड्स, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन के नागरिकों को यह सुविधा प्राप्त है।