एक बार इसके कारण कंप्यूटर के करप्ट होने के बाद इसको दुरुस्त करने के लिए और फिर से एक्सस प्राप्त करने के लिए 300-600 डॉलर तक की फिरौती मांगी जा रही है। सुरक्षा शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ पीडि़तों ने डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के जरिये भुगतान भी किया है लेकिन उनको यह नहीं पता कि अब तक कितना भुगतान साइबर हमलावरों को दिया गया है।
Windows XP को बनाया जा रहा है निशाना
आपको बता दें कि यह साइबर अटैक Windows कंप्यूटर्स में हो रहा है और खास कर उनमें जिनमें XP है। खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर Windows XP पर चलते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया है, इसलिए इसे यूज करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
एडवर्ड स्नोडन ने क्या कहा
व्हिसल ब्लोअर और एनएसए के पूर्व कॉट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडन ने इस साइबर अटैक के बाद कहा है कि ये सब नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने पहले से ही अगाह कर दिया था। स्नोडेन ने कहा कि अगर एनएसए को Windows XP की इस खामी के बारे में पता था, तो क्यों नहीं एजेंसी ने माइक्रोसॉफ्ट को इसके बारे में बताया। अगर एनएसए ऐसा करती तो शायद आज इतना बड़ा साइबर अटैक नहीं होता। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि कई चेतावनी के बावजूद भी एनएसए ने ऐसा खतरनाक टूल बनाया जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है।
ऐसे करें खुद को इस साइबर अटैक से सुरक्षित
मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था। आपने अगर इसे इंस्टॉल नहीं किया है तो अब वक्त आ गया है इसे इंस्टॉल करने का। दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसे अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल कर सकते हैं।