वॉशिंगटन। पेरिस जलवायु समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका से धन देने के लिए कहकर उसे अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि रूस, चीन और भारत जैसे प्रदूषण करने वाले बड़े देश कुछ भी योगदान नहीं दे रहे हैं। पेंसिलवेनिया की रैली में ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता एकतरफा है।
उन्होंने कहा कि मैं दो सप्ताह में इस पर बड़ा फैसला करूंगा। ट्रंप ने आरोप लगाया कि इस समझौते के तहत अमेरिका खरबों डॉलर खर्च कर रहा है, जबकि रूस, चीन और भारत जैसे प्रदूषण फैलाने वाले देश ‘कुछ नहीं’ दे रहे। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क संधि के तहत पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर वर्ष 2015 में 194 देशों ने हस्ताक्षर किए और इसे 143 देशों ने अनुमोदित किया। ट्रंप ने कहा, समझौते
के पालन से अमेरिकी जीडीपी दस वर्ष में 2500 अरब डॉलर कमजोर हो जाएगी।
दुर्तेते को न्यौते पर व्हाइट हाउस ने दी सफाई
व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते को वॉशिंगटन आमंत्रित करने के फैसले का बचाव किया है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों द्वारा दुतेर्ते पर फिलीपींस में ड्रग संदिग्धों की हत्या के अभियान के समर्थन के आरोपों के बाद भी ट्रंप ने दुर्तेते के साथ फोन पर बातचीत कर उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण दिया।
व्हाइट हाउस के चीफ आॅफ स्टाफ रेंस प्रिब्स ने राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनके सहयोग की जरूरत है। प्रिब्स ने कहा कि दुर्तेते से संपर्क का यह मतलब नहीं कि अमेरिका के लिए मानवाधिकारों का कोई महत्व नहीं है लेकिन उसके लिया उत्तर कोरिया ज्यादा बड़ा मुद्दा है। ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक जॉन सिफटन ने कहा, एक ऐसा आदमी जो अपने ही नागरिकों की हत्या करवाता है, उसे व्हाइट हाउस आमंत्रित कर रहा है। दुर्तेते के घृणित मानवाधिकार रिकॉर्ड पर हमारा चुप रहना, एक भयानक संदेश भेजता है।