पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में रविवार को पिछली बार की तुलना में करीब दो फीसदी ज्यादा 81 फीसदी मतदान हुआ। आरंभिक सर्वेक्षणों के मुताबिक धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन और राजनीति के नए खिलाड़ी इमैनुअल मैकरॉन के बीच कांटे की टक्कर है। हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि मैकरॉन और ली पैन दोनों ही चुनाव के दूसरे दौर में पहुंच रहे हैं। इस चुनाव के नियमों के मुताबिक अगर पहले दौर में किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले तो 7 मई को दूसरे दौर का मतदान होगा। इसमें पहले दो स्थानों पर रहे प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होगा।
66546 बूथों पर डाले गए वोट
फ्रांस के 66 हजार 546 मतदान केंद्रों पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच वोट डाले गए। नेशनल फ्रंट की प्रमुख ली पेन ने हेनिन ब्यूमांट शहर में वोट डाला। जबकि मैकरॉन ने अपनी पत्नी ली टुकेट के साथ नारमेंडी रिसॉर्ट में मतदान किया। राष्ट्रपति फ्रैंक्वा ओलां ने तुले में वोट डाला। भारी मतदान को भ्रष्टाचार, आतंकवाद और ऊबाऊ राजनीतिक व्यवस्था के प्रति गुस्से का संकेत माना जा रहा है।
यूरोपीय संघ से अलगाव चाहती हैं ली पेन
मरिन ली पेन (48) जीतीं तो फ्रांस को पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी। ली पेन आतंकी हमलों को लेकर पैदा हुए असुरक्षा की भावना को उभारने की कोशिश कर रही हैं। बेरोजगारी, शरणार्थियों को लेकर यूरोपीय संघ के खिलाफ नाराजगी भी उनके पक्ष में जा सकती है।
यूरोप की एकता के समर्थक मैकरॉन
मैकरॉन (39) जीते तो देश के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। पूर्व बैंकर मैकरॉन की गैर राजनीतिक छवि जनता को भा रही है। उन्होंने एक साल पहले एन मार्च नाम से आंदोलन शुरू किया था। ली पेन से उलट वह यूरोपीय संघ में फ्रांस के बने रहने के समर्थक हैं।
ट्रंप ने किया ली पेन का समर्थन
फ्रांस में गुरुवार को हुए हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट के जरिए कहा था कि यूरोपीय संघ और अप्रवासियों की विरोधी ली पेन को इससे मदद मिलेगी। वह सीमाओं को मजबूत बनाने की पक्षधर हैं।
सुरक्षा
50 हजार पुलिस और 7 हजार सैनिक तैनात किए गए चुनाव में
आतंकी हमला
फ्रांस ने 2015 से अब तक 230 लोगों को आतंकी हमलों में खोया है
आतंकवाद बड़ा मुद्दा
आतंकवाद, सुरक्षा, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था मुख्य मुद्दे