इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सेना ने कथित जासूसी के आरोपी भारतीय नागरिक और नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव (46) तक राजनयिक पहुंच की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस तरह जाधव तक पहुंचने की भारत की 14वीं कोशिश भी नाकाम होती नजर आ रही है। हालांकि भारतीय अधिकारियों को इस संबंध में पाकिस्तान सरकार से कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है। जाधव को पाक की एक सैन्य अदालत ने पिछले सप्ताह फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर जाधव की ‘पूर्वनियोजित हत्या’ को अंजाम दिया गया तो द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है।
‘जाधव को सजा देना हमारी जिम्मेदारी’
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सोमवार को कहा, ‘कानून के मुताबिक हम जाधव तक राजनियक पहुंच नहीं दे सकते, क्योंकि वह जासूसी में शामिल था। सेना की जिम्मेदारी है कि उसे सजा दी जाए। हमने इस पर कोई समझौता नहीं किया है और उसे सजा सुनाई है। हम भविष्य में भी इस पर समझौता नहीं करेंगे।’
सबूतों के आधार पर सुनाई है सजा
मेजर जनरल गफूर ने रावलपिंडी में दावा किया कि मुकदमे के दौरान जाधव की कानूनी जरूरतों को पूरा किया गया था। जाधव अब सेना की अपील अदालत में और उसके बाद सेना प्रमुख के पास अपील कर सकता है। वह सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति से भी अपील कर सकता है, लेकिन सेना हर मंच पर उसका विरोध करेगी।
मोदी और नवाज की मुलाकात के आसार नहीं
नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर तनाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान अब भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सूत्रों का कहना है कि इसके कोई आसार नहीं हैं। पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आ रही हैं कि जून में जब भारत-पाक के प्रधानमंत्री शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए कजाकिस्तान के अस्ताना जाएंगे, तो उनकी अलग से मुलाकात अचरज में डाल सकती है। इस बारे में भारत का कहना है कि जब तक माहौल आतंकवाद और हिंसा से मुक्त न हो, तब तक बातचीत नहीं सकती।