काठमांडू। पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में अचानक मौत की सजा सुनाए जाने के बाद भारत-पाक के रिश्तो में और तनाव बढ़ गया है। इस तनाव के बीच, नेपाल से गायब हुए पाकिस्तान के रिटायर्ड कर्नल मोहम्मद हबीब के परिवार वालों ने कहा है कि उनका किडनैप हुआ है और इसमें दुश्मन देश की जासूसी एजेंसियों का हाथ है। पाकिस्तान में भारत की जासूसी एजेंसियों को अक्सर दुश्मन देश की जासूसी एजेंसियां कहकर पुकारा जाता है।
गुरूवार को हुए थे लापता
लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) मोहम्मद हबीब भारतीय सीमा से सटे लुम्बिनी शहर से गुरुवार को लापता हो गए थे। वे एक नौकरी के सिलसिले में साक्षात्कार देने यहां पहुंचे थे। उनके बेटे साद हबीब ने रविवार को रावलपिंडी के रवात पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई।
जावेद अंसारी से मिले थे कर्नल
साद हबीब ने कहा कि नेपाल में उनके पिता जावेद अंसारी नाम के शख्स से मिले थे जो उन्हें लुम्बिनी लेकर गया। प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक साद ने दुश्मन गुप्तचर एजेंसी पर अपने पिता को अगवा करने का संदेह जताया है।
गुरूवार को हुई थी आखिरी बार बात
अक्टूबर 2014 में रिटायर होने वाले हबीब सेना की आर्टिलरी विंग से जुड़े थे। फिहाल वे पाकिस्तान की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। नई नौकरी के लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन कर रखा था। मार्क थॉम्पसन नाम के एक व्यक्ति ने फोन और ई-मेल के जरिए नौकरी के लिए उनसे संपर्क किया था। नेपाल में उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।
हवाई टिकट भी थॉम्पसन ने ही मुहैया कराया था। सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच से पता चला है कि थॉम्पसन ने कंप्यूटर के जरिए ब्रिटेन के नंबर से हबीब को कॉल किया था। ई-मेल और वेबसाइट का डोमेन नेम भारत में पंजीकृत कराया गया था।
हबीब ने गुरुवार दोपहर आखिरी बार अपने परिवार से संपर्क किया था। उन्होंने कहा था कि वे अपनी मंजिल तक पहुंच चुके हैं। उसके बाद से उनका फोन बंद है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद नफीस जकारी ने बताया कि नेपाल के अधिकारियों से मामले में रिपोर्ट मांगी गई है।